उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कानपुर जिले (Kanpur District) में यूपी एटीएस (UP ATS) को बड़ी कामयाबी मिली है। यूपी एटीएस ने कानपुर शहर से सात अवैध रोहिंग्याओं को गिरफ्तार किया है। साथ ही एक एजेंट को भी गिरफ्तार (Arrested) किया है। यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए सात अवैध रोहिंग्याओं (Illegal Rohingyas) में 4 महिलाएं, 3 पुरुष और एक एजेंट शामिल हैं।
इन सभी अवैध रोहिंग्याओं को शनिवार (6 मई) शाम करीब 6 बजे कानपुर के झकरकटी बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार किया गया। ये सभी भारत-बांग्लादेश सीमा पार कर त्रिपुरा आ गए। इसके बाद ये रोहिंग्या अपने फर्जी भारतीय दस्तावेज, वोटर और आधार कार्ड बनाकर कानपुर में रह रहे थे।
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पुलिस ने गिरफ्तार किए गए इन रोहिंग्याओं से पूछताछ की। पता चला कि एजेंट अनवर और विमल मियां सभी को कानपुर ले आए। उसने कानपुर में ही फर्जी दस्तावेज बनवाए। तब से वह शहर के प्रसिद्ध गिरामी झकरकटी बस स्टैंड के पास रह रहा था।
आरोपियों के नाम
पुलिस ने सभी अवैध रोहिंग्याओं के फोटो और नाम भी जारी किए हैं। यूपी पुलिस के अनुसार सुबीर शब्दकार (33 वर्ष), मो. जकारिया (38 साल), नूर मुस्तफा (20 साल), शोएब (19 साल), नूर हबीबा (21 साल), फरसा (20 साल), रजिया (19 साल) और सबकुर नाहर (20 साल) को गिरफ्तार किया गया है।
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ऐसे काम करते है आरोपी
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक एक पूरा गिरोह शहर में अवैध रोहिंग्याओं को बसाने का काम करता है। इन रोहिंग्याओं को सबसे पहले म्यांमार से बांग्लादेश लाया जाता है। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए असम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल में इनकी तस्करी की जाती है। भारत के इन राज्यों में प्रवेश करने के बाद इन रोहिंग्याओं को रेल मार्ग से देश के अन्य हिस्सों में भेजा जाता है। जहां उनके फर्जी दस्तावेज, आधार और वोटर कार्ड बन जाते हैं। जहां वे अवैध गतिविधियों को अंजाम देते हैं।