उत्तराखंड के चमोली जिले की चीन सीमा के पास रैणी और तपोवन में बचाव दलों को टनल-2 में भरे मलबे के कारण भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बचाव दल 8 फरवरी को दिन भर काफी मेहनत करने के बाद तपोवन बिजली परियोजना की टनल-2 में फंसे लोगों को निकालने में सफल नहीं हुए। ये 35-40 लोग 8 फरवरी से ही टनल में फंसे हैं। इस बीच 9 फरवरी को पांच और शव निकाले गए हैं। इसके साथ ही इस आपदा में मृतकों की संख्या 31 हो गई है।
31 लोगों की मौत, 197 लोग अभी भी लापता
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस. भदोरिया ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि पांच और शव बाहर निकाले गए हैं। इसी के साथ उत्तराखंड आपदा में मरनेवालों की संख्या 31 हो गई है। इस टनल में 35-40 लोगों के फंसे होने की आशंका है, जबकि 197 लोग अभी भी इस आपदा के बाद से लापता हैं।
#UttarakhandDisaster: चमोली में 7 फरवरी की सुबह ग्लेशियर टूटने से मची तबाही के बाद तपोवन-विष्णुगाड परियोजना की एक सुरंग में फंसे 34 लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास जारी है।मंगलवार को तीसरे दिन भी युद्ध स्तर पर रेस्क्यू आपरेशन चल रहा है। टनल में जाती @ITBP_official व SDRF टीम। pic.twitter.com/nNWgZ3271m
— Amit Singh (@Join_AmitSingh) February 9, 2021
9 राज्यों के लोग शामिल
लापता लोगों में नौ राज्यों के लोग शामिल हैं। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक लापता लोग उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पंजाब, असम और उड़ीसा के रहनेवाले हैं। ये सभी ऋषि गंगा और तपोवन बिजली परियोजना के मजदूर व कर्मचारी हैं।
लापता लोगों की सूची
लापता लोगों में तपोवन एटीपीसी प्रोजेक्ट के 121, ऋषिगंगा प्रोजेक्ट के 46, ओम मेटल कंपनी के 21, रैणी गांव के 05, एचसीसी के 03, तपोवन गांव के 02, करछो गांव के 02 और रिंगी के 02 लोग शामिल हैं।
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गृह मंत्री अमित शाह ने दी जानकारी
आईटीबीपी के 450 जवान, एनडीआरएफ की 8 टीमें, नेवी की टीम और 5 आईएएफ के हेलिकॉप्टर बचाव व राहत कार्य में जुटे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में यह जानकारी देते हुए कहा कि बचाव दल टनल-2 में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की सभी संबंधित एजेंसियां वहां के हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
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मलवा हटाने में आ रही हैं मुश्किलें
तपोवन जल विद्युत परियोजना के जिस टनल-2 में लोग फंसे हैं, वह 250 मीटर लंबी और 9 मीटर ऊंची है। टनल के सौ मीटर हिस्से में मलबा भरा हुआ है। टनल के आगे का भाग कुछ ऊंचा बताया जा रहा है। इसलिए अंदर फंसे लोगों के सुरक्षित होने की उम्मीद जताई जा रही है। बचाव दलों के सामने मुश्किल यह है कि वे टनल के मुहाने से जितना मलबा हटा रहे हैं, उतना ही टनल के मुहाने की ओर आ रहा है। हालांकि प्रशासन का दावा है कि बचाव दल टनल के अंदर 100 मीटर तक पहुंच चुके हैं।
Join Our WhatsApp CommunityWe can't estimate exact time to remove debris as there's 90-degrees turn in the tunnel. We've asked project engineers to make alternative entry to reach through. We'll attempt this today. Don't think there'll be insufficient oxygen & water as tunnel is 2.5km long: DGP Uttarakhand
— ANI (@ANI) February 9, 2021