गूगल (Google) ने अपना एआई चैटबॉट (AI ChatBot) भारत (India) में लॉन्च कर दिया है। ओपनएआई (OpenAI) के चैटजीपीटी (ChatGPT) को टक्कर देने के लिए गूगल बार्ड (Google Bard) को लॉन्च किया गया है। गूगल की कनवरसेशन जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चैटबॉट सर्विस भारत समेत 180 से ज्यादा देशों में लॉन्च की जा रही है। कंपनी ने 11 मई को कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू में कंपनी के मुख्यालय में आयोजित अपने वार्षिक डेवलपर सम्मेलन में यह घोषणा की है। बता दें कि बार्ड को पहली बार इसी साल फरवरी में पेश किया गया था।
बार्ड को भारत सहित दुनिया भर के 180 से अधिक देशों में लॉन्च किया गया है। यह घोषणा गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने की। पिचाई ने एआई टूल बार्ड को लॉन्च करते हुए कहा, “जैसे-जैसे एआई मॉडल बेहतर और अधिक सक्षम होते जा रहे हैं, हम उन्हें लोगों से सीधे जुड़ने के लिए उपलब्ध करा रहे हैं।” बार्ड के साथ, हमारे पास यही अवसर है। बातचीत एआई के लिए हमारा प्रयोग।”
बार्ड क्या है?
बार्ड गूगल की एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित चैटबॉट सेवा है, जिसे लाएमडीए तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। इस कंपनी को पहले सीईओ पिचाई ने “एक्सपेरिमेंटल कन्वर्सेशनल एआई सर्विस” यानी एक्सपेरिमेंटल कन्वर्सेशनल एआई सर्विस कहा था और अब इसे पब्लिक यूज के लिए लॉन्च कर दिया गया है। बार्ड लाएमडीए और गूगल के अपने संवादात्मक एआई चैटबॉट पर आधारित है।
चैटजीपीटी से बार्ड कैसे अलग है?
चैटजीपीटी के मुकाबले में गूगल का नया बार्ड पेश किया गया है। लेकिन इन दोनों एआई टूल्स में समानता के साथ-साथ काफी अंतर भी है। दरअसल, चैटजीपीटी, एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल है, जो पहले से मौजूद डेटा के आधार पर सवालों के जवाब देता है, जबकि गूगल ने अपने एआई चैटबॉट को लैंग्वेज मॉडल और डायलॉग एप्लिकेशन यानी लाएमडीए के साथ संचालित किया। यानी बार्ड अधिक सटीक उत्तर दे सकता है। गूगल का कहना है कि बार्ड बड़े भाषा मॉडल की शक्ति, बुद्धि और रचनात्मकता के संयोजन से लैस है। इतना ही नहीं, बार्ड को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह टूल यूजर्स के फीडबैक और इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर ज्ञान प्राप्त करेगा।
देखें यह वीडियो- यूपी निकाय चुनाव को कुछ इस तरह देख रहे सीएम योगी
Join Our WhatsApp Community