दुनिया के कई व्यक्तियों, खिलाड़ियों, विद्वानों, छात्रों ने आर्थिक, शारीरिक और बौद्धिक आदि स्तरों पर प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपने लक्ष्यों को प्राप्त किया। ऐसे लोगों ने अपनी विपरीत परिस्थियों को मात देते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता हासिल की। सभी को ऐसे लोगों से प्रेरणा लेने और सीखने की जरूरत है, ताकि उनमें अपनी क्षमताओं का अधिक से अधिक उपयोग करने की मानसिकता पैदा हो सके। इस तरह से व्यक्तिगत और राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सकता है।
बच्चों को प्रेरित और प्रोत्साहित करना उद्देश्य
इस उद्देश्य से 14 मई को स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के ऑडिटोरियम में छात्रों, खिलाड़ियों और उनके माता-पिता के लिए इंटरनेट की मदद से एक विशेष शो का आयोजन किया गया।
इसका उद्देश्य स्मारक की विभिन्न गतिविधियों के सदस्यों को इंटरनेट पर उपलब्ध जानकारी के साथ-साथ अतिरिक्त प्राप्त जानकारी उपलब्ध कराना था। स्मारक में ताइक्वांडो की ट्रेनिंग दी जाती है। उनके कोच राजेश खिलारी की पहल पर 14 मई को पहली बार इस तरह के शो का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि स्मारक के विभिन्न गतिविधियों के सदस्यों, खिलाड़ियों और छात्रों के लिए इस तरह के शो आयोजित करने की उनकी इच्छा थी।
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स्मारक में प्रशिक्षण लेकर नौजवान बना सकते हैं उज्जवल भविष्य
तायक्वोंडो, कराटे, मुक्केबाजी, तीरंदाजी, तलवारबाजी, व्यायामशाला, विभिन्न नृत्य, गायन, एयर राइफल शूटिंग, संस्कृत वर्ग, कैरिकेचर आदि की सावरकर स्मारक में गतिविधियां चल रही हैं, ताकि नई पीढ़ी इन क्षेत्रों में अपने कौशल और मेहनत का उपयोग उज्जवल करियर बनाने के लिए कर सके। सावरकर स्मारक के कार्यवाहक राजेंद्र वराडकर ने कहा कि कि सावरकर स्मारक का मानना है कि इस तरह के शो छात्रों, अभिभावकों और इन गतिविधियों के सदस्यों को प्रोत्साहन प्रदान कर सकते हैं। शो में गतिविधियों के संबधित सदस्यों, छात्रों ने भाग लिया। कोच खिलारी ने उम्मीद जताई कि इस तरह की गतिविधियों से और लोग जुड़ेंगे और लाभ उठाएंगे।