देवभूमि उत्तराखंड में बढ़ते लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसे मामलों को लेकर संतों ने चिंता व्यक्त करते हुए शीघ्र सरकार से इस प्रकार की गतिविधियों पर शक्ति के साथ रोक लगाए जाने की मांग की है।
15 मई को ब्रह्मपुरी स्थित श्रीराम तपस्थली वैष्णव कुलभूषण संत शिरोमणि महामंडलेश्वर दयाराम दास की अध्यक्षता में बैठक के दौरान महंत स्वामी अरुण दास महाराज जगन्नाथ आश्रम हरिद्वार प्रदेश महामंत्री महंत स्वामी अरुण दास महाराज ने सभी संतों के साथ बैठकर उत्तराखंड प्रदेश में बढ़ते लव जिहाद और लैंड जिहाद जैसे कई विषयों पर भी चर्चा हुई।
सनातन धर्म ढोंग नहीं, जीने की राह दिखाता है
प्रदेश महामंत्री ने कहा की सनातन धर्म ढोंग नहीं जीवन शैली को ढंग से जीने की राह दिखाता है, लेकिन उत्तराखंड में मदिरा और मांस का जो बाजार हमारी देवभूमि पर चल रहा है, यह पूरी तरह गलत है।जो की चिंता का विषय बन गया है। संतों ने उत्तराखंड में वन भूमि पर अवैध तरीके से बनाई गईं मजारों को हटाए जाने के लिए सरकार के अभियान का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया है।
लड़कियों को बनाया जा रहा निशाना
बैठक में कहा गया कि उत्तराखंड से आए दिन महिलाओं को बड़ी संख्या में बहला-फुसलाकर अन्य प्रदेशों में ले जाया जा रहा है, वही अन्य प्रदेशों से उत्तराखंड में घुसपैठ कर सीधे-साधे लोगों को गुमराह कर जमीनों पर भी डाका डाला जाता है। इसके कारण हमें अपनी जमीनें बचाना भी दूभर हो गया। हमारे खेत खलिहान की भूमि पर बड़ी बड़ी अट्टालिकाएं खड़ा करने से पहाड़ों का स्वरूप बदलता जा रहा है।
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लव जिहाद और लैंड जिहाद पर प्रतिबंध लगाना जरुरी
संतों ने कहा गया कि यदि इस पर भी प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो हमारी भौगोलिक परिस्थितियां भी बदल जाएंगी और देव भूमि की जगह यह भी पर्यटन स्थलों में बदल जाएगा, जिस पर प्रतिबंध लगाए जाने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर जल्द ही इस पर विचार किया जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
ये संत रहे उपस्थित
बैठक में महंत स्वामी अरुण दास महाराज जगन्नाथ आश्रम हरिद्वार और ऋषिकेश इकाई के अध्यक्ष वैष्णव कुलभूषण महंत स्वामी गोपालाचार्य महाराज ,तुलसी मानस मंदिर के महंत स्वामी रवि प्रपन्नाचार्य महाराज महंत महावीर दास, महंत प्रमोद दास , स्वामी आलोक हरी महाराज, स्वामी अखंडानंद सरस्वती राम नगर के कई वरिष्ठ व्यक्ति भी उपस्थित रहे ।