राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) 17 मई को पाकिस्तान और कनाडा सहित विदेशों में स्थित गैंगस्टरों, ड्रग तस्करों और आतंकवादी समूहों के साथ कनेक्शन पर अपनी कार्रवाई के तहत देश के छह राज्यों में 122 स्थानों पर तलाशी ले रही है।
अब तक मिले ब्यौरे के अनुसार, एनआईए की टीमों ने हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में कई संदिग्ध घरों में छापेमारी की है। एनआईए अधिकारियों की एक टीम, जिसमें लगभग एक दर्जन अधिकारी शामिल हैं, इन सभी स्थानों पर सुबह करीब 4 बजे से छापेमारी कर तलाशी ले रहे हैं।
छह प्रदेशों में कार्रवाई
एनआईए के सूत्रों ने बताया, “एनआईए द्वारा दर्ज तीन मामलों के संबंध में तलाशी जारी है। छापेमारी और तलाशी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में स्थित संगठित आपराधिक सिंडिकेट और नेटवर्क तथा कुख्यात गैंगस्टरों और उनके आपराधिक व व्यापारिक सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई का हिस्सा है। एक अधिकारी ने कहा कि आतंकी नेटवर्क के साथ-साथ उनकी फंडिंग और सपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म करने के लिए इस तरह की कार्रवाई की जा रही है।
फरवरी में की गई थी छापेमारी
एनआईए ने फरवरी में हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में गैंगस्टरों के संपर्क में रहने वाले संदिग्ध लोगों के घरों पर छापेमारी की थी। एजेंसी पहले के तीन मामलों में से दो में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
अंडरवर्ल्ड के तर्ज पर काम कर रहे हैं खालिस्तान समर्थक
बता दें कि उत्तर भारत में सक्रिय कई आपराधिक गिरोह अब दुबई से संचालित किए जा रहे हैं, और खालिस्तान समर्थक संगठन 1990 के दशक में अंडरवर्ल्ड की तरह गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए अपने नेटवर्क का उपयोग कर रहे हैं। अर्श डाला और गौरव पटियाल जैसे भगोड़े विदेशो में रहकर भी हत्याओं, जबरन वसूली और आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। वे वहीं से भारतीय जेलों और अन्य देशों में बंद खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में हैं।
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प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस के इन नेताओं पर नजर
एनआईए ने अगस्त 2022 में कनाडा स्थित गैंगस्टर लखबीर सिंह उर्फ लांडा, पाकिस्तान स्थित गैंगस्टर हरविंदर सिंह रिंडा और अमेरिका स्थित गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ तीन मामले दर्ज किए थे। ये प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के संस्थापक हैं। ये खालिस्तान समर्थक आंदोलनों का समर्थन करते रहे हैं।
इनके खिलाफ मामले दर्ज
गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़ और विक्रम बराड़ के साथ-साथ उनके प्रतिद्वंद्वियों दविंदर बंबीहा, कौशल चौधरी, नीरज बवाना, सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया, दिलप्रीत और सुखप्रीत उर्फ बुढा के खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे।