भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगले माह, जून में अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। इस दौरान भारत का सैन्य ताकत बढ़ाने पर पूरा जोर रहेगा। दोनों देशों के बीच हथियारों के संयुक्त निर्माण पर अहम समझौता हो सकता है। इस संबंध में दोनों देशों के रक्षा सचिवों के बीच हुई मुलाकात में व्यापक चर्चा हुई है।
भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने का प्रयास
यह यात्रा भारत और अमेरिका के रिश्तों को मजबूत करने का महत्वपूर्ण पड़ाव बनने वाली है। इस यात्रा के दौरान भारत और अमेरिका के बीच जेट इंजन, लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियारों और बख्तरबंद गाड़ियों और टैंकों के संयुक्त निर्माण को लेकर महत्वपूर्ण समझौते होने की उम्मीद है। इसको लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू हो गई है। इन समझौतों के बाद हथियारों पर भारत की आत्मनिर्भरता और बढ़ेगी। अभी जो हथियार और जेट इंजन आदि भारत को दूसरे देशों से खरीदने पड़ते हैं, भविष्य में अमेरिका के साथ मिलकर भारत उन्हें स्वयं बनाएगा।
अमेरिका यात्रा पर भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरामाने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा से पहले भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरामाने इस समय अमेरिका की यात्रा पर हैं। अमेरिका और भारत के रक्षा नीति समूह की 17वीं बैठक में उन्होंने अमेरिका की रक्षा सचिव कैथलीन हिक्स के साथ दोनों देशों के रक्षा संबंधों पर विचार विमर्श किया। इस दौरान जेट इंजन, लंबी दूरी तक मारक हथियार और बख्तरबंद गाड़ियों के संयुक्त निर्माण को लेकर बातचीत हुई।
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इस मुद्दे पर हुई चर्चा
अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के प्रवक्ता एरिक पाहन ने बताया कि दोनों अधिकारियों के बीच भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने को लेकर चर्चा हुई, जिसमें रक्षा उत्पादन सहयोग और ऑपरेशनल साझेदारी शामिल है। अमेरिका की रक्षा सचिव कैथलीन हिक्स ने बताया कि हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र में शांति और समृद्धि कायम रखने के लिए भारत और अमेरिका की दोस्ती बेहद जरूरी है। यही वजह है कि दोनों देशों के बीच सैन्य, तकनीकी सहयोग बढ़ रहा है।