देश में ऐसे लाखों बच्चे हैं, जिनकी उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक हो जाने के बावजूद उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं है। इस कारण वे मतदान करने के अधिकार से वंचित हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार लोगों की इस तरह की शिकायत दूर करने जा रही है। भविष्य में 18 वर्ष के होते ही बच्चों के नाम मतदाता सूची में जुड़ जाएंगे। इसके लिए उन्हें कुछ भी करने की जरुरत नहीं होगी।
दरअस्ल गृह मंत्री अमित शाह ने जनगणना को लेकर बड़ी घोषणा की है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री ने कहा है कि सरकार संसद में एक विधेयक लाएगी। उसमें बाद जन्म और मृत्यू रजिस्टर को मतदाता सूची से जोड़ने का प्रावधान होगा। इसके साथ ही अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो यह जानकारी अपने आप चुनाव आयोग के पास चली जाएगी और वह मतदाता सूची से उसका नाम हटाने की प्रक्रिया फौरन शुरू कर देगा।
देश के विकास के लिए उपयोगी
अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार एक योजना बना रही है, जो भारत के महापंजीयक को राष्ट्रीय स्तर पर जन्म और मृत्यु का डेटाबेस बनाए रखने की अनुमति देगा। इसका उपयोग मतदाता सूची, जनसंख्या रजिस्टर और आधार डेटाबेस को अपडेट करने के लिए किया जा सकता है। इस कदम से देश के विकास के लिए रूप रेखा तैयार करना आसान हो जाएगा।
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अगली जनगणना को लेकर कही बड़ी बात
अमित शाह ने कहा कि डेटाबेस को नागरिकों के पासपोर्ट और राशन कार्ड जैसे प्रमुख दस्तावेजों से भी जोड़ा जा सकता है, और बेहतर सटीकता के लिए अगली जनगणना इलेक्ट्रॉनिक रूप में की जा सकती है।
अमित शाह ने कहा, “हम जन्म, मृत्यु और जनगणना से संबंधित डेटा के साथ विकास को सुव्यवस्थित करने के लिए संसद में एक विधेयक पेश करेंगे। उसके अनुसार भारत के महापंजीयक को भी जन्म और मृत्यु पंजीकरण के अधिकार होंगे।” शाह ने यह बात दिल्ली में जनगणना भवन का उद्घाटन करते हुए कही।
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