नए संसद भवन (New Parliament House) के उद्घाटन का मामला अब सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) पहुंच गया है। एक जनहित याचिका (Petitions) दायर कर यह निर्देश देने की मांग की गई है कि नए संसद भवन का उद्घाटन भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए।
याचिका में मांग की गई है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) द्वारा किया जाना चाहिए न कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा। सर्वोच्च न्यायालय से इस संबंध में केंद्र सरकार को आदेश जारी करने की मांग की गई है।
यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र में 12वीं का परिणाम जारी, एक बार फिर लड़कियों ने मारी बाजी; ऐसे करें तुरंत चेक
पीएम मोदी 28 मई को करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला 28 मई को नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिसंबर 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी। इसे रिकॉर्ड समय में गुणवत्तापूर्ण निर्माण के साथ बनाया गया है। संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 543 और राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने की क्षमता है। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था की गई है।
एनडीए ने विपक्ष पर पलटवार किया
विपक्ष द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार किए जाने के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने भी तीखा पलटवार किया है। एनडीए ने विपक्ष के रुख को देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मूल्यों का घोर अपमान बताया है। बयान जारी कर कहा गया है कि कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर गलत राजनीति कर रहे हैं।
देखें यह वीडियो-
Join Our WhatsApp Community