रेलवे सुरक्षा बल (Railway Protection Force) को रेलवे संपत्ति, यात्री क्षेत्रों और यात्रियों (Passengers) की सुरक्षा की जिम्मेदारी (Responsibility) सौंपी जाती है। वह ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते (Operation Little Angels) के तहत बच्चों को बचाने की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं।
मध्य रेल के रेलवे सुरक्षा बल ने सरकार के साथ समन्वय में 194 बच्चों को बचाया है। मार्च-2023 से अप्रैल-2023 तक यानी “ऑपरेशन नन्हे फरिश्ते” के तहत मध्य रेल के रेलवे स्टेशन प्लेटफार्मों से रेलवे पुलिस और अन्य फ्रंटलाइन रेलवे कर्मचारी हैं, इसमें 144 लड़के और 50 लड़कियां शामिल हैं और चाइल्डलाइन जैसे गैर सरकारी संगठनों की मदद से अपने माता-पिता के साथ फिर से जुड़ गए हैं।
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जो बच्चे अपने परिवार को बताए बिना रेलवे स्टेशन पर आते हैं, किसी लड़ाई या पारिवारिक मुद्दों के कारण या बेहतर जीवन या शहर के ग्लैमर आदि की तलाश में प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मियों द्वारा ढूंढे जाते हैं। ये प्रशिक्षित आरपीएफ कर्मी बच्चों से जुड़ते हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और उन्हें उनके माता-पिता से मिलाने की सलाह देते हैं। कई माता-पिता रेलवे की इस नेक सेवा के लिए आभार व्यक्त करते हैं।
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