संसद के नये भवन का उद्घाटनः रजनीकांत ने प्रधानमंत्री का इस बात के लिए जताया आभार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 मई को नई दिल्ली में तमिलनाडु के आदिनम संतों के हाथों से सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक पवित्र राजदंड 'सेंगोल' को ग्रहण किया। इससे पूरा प्रदेश गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

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प्रख्यात अभिनेता रजनीकांत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसद के नए भवन में तमिलों को गौरवान्वित करने के लिए आभार जताया है। रजनीकांत ने प्रधानमंत्री के ट्वीट संदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए खुशी जताई है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 मई की सुबह राष्ट्रीय राजधानी के रायसीना हिल्स में संसद के नए भवन का औपचारिक उद्घाटन किया है। यह नया भवन पुरानी संसद के पास ही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु की संस्कृति को किया याद
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि पूरा देश तमिलनाडु की गौरवशाली संस्कृति पर गर्व करता है। नए संसद भवन में इस महान राज्य की संस्कृति को गौरवान्वित होते देखना वास्तव में खुशी की बात है। इस पर रजनीकांत ने ट्वीट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने खुशी जताई और कहा-तमिल सत्ता का पारंपरिक प्रतीक राजदंड (सेंगोल) भारत के नए संसद भवन में चमकेगा। पहली बार भारत में तमिलों को गौरवान्वित किया गया है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हार्दिक धन्यवाद।

सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक पवित्र राजदंड ‘सेंगोल’ की स्थापना
उल्लेखनीय है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 मई को नई दिल्ली में तमिलनाडु के आदिनम संतों के हाथों से सत्ता हस्तांतरण के प्रतीक पवित्र राजदंड ‘सेंगोल’ को ग्रहण किया था। प्रधानमंत्री ने 28 मई को इसे संसद के नए भवन में उद्घाटन समारोह के दौरान लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास स्थापित किया है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्बोधन में कहाः
सेंगोल ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा था- सैकड़ों वर्षों की गुलामी के बावजूद तमिलनाडु की संस्कृति आज भी जीवंत और समृद्ध है। इस परंपरा को जीवित रखने का दायित्व आदिनम संतजनों ने तो निभाया ही है, साथ ही इसका श्रेय पीड़ित-शोषित-वंचित सभी को जाता है। उन्होंने इसकी रक्षा की। उसे आगे बढ़ाया।

अगले 25 वर्षों के लिए लक्ष्य निर्धारित
प्रधानमंत्री मोदी ने संतों से कहा-देश ने अगले 25 वर्ष के लिए कुछ लक्ष्य तय किए हैं। महत्वपूर्ण लक्ष्य है कि आजादी के 100 साल पूरे होने तक एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समावेशी विकसित भारत का निर्माण हो। 1947 में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका से कोटि-कोटि देशवासी पुन: परिचित हुए हैं। आज देश 2047 के बड़े लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है। ऐसे में आपकी भूमिका और महत्वपूर्ण हो गई है। आपकी संस्थाओं ने हमेशा सेवा के मूल्यों को साकार किया है।

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