नए संसद भवन के उद्घाटन पर बिहार में सियासत गरम है। बची-खुची कसर 28 मई को राजद ने पूरी कर दी। राजद ने एक ट्वीट कर ताबूत की तस्वीर को साझा किया है। साथ ही इसकी तुलना संसद भवन से करते हुए लिखा है कि ‘ये क्या है?’ राजद ने नए संसद भवन के एरियल व्यू को एक ओर तस्वीर में रखा है, जबकि ट्विट की गई दूसरी तस्वीर में ताबूत है।
राजद के इस ट्वीट के बाद बिहार में विपक्ष भड़क गया है। भाजपा नेता लगातार राजद पर हमला कर रहे हैं। भाजपा ने भी राजद के इस ट्वीट का जवाब अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडिल से एक ट्विट कर दिया है।
भाजपा ने राजद को दिया करारा जवाब
भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद की सीढ़ियों और सेंगलो के सामने नतमस्तक दिखाते हुए लिखा गया है कि मंदिर, लोकतंत्र का! संयोग से भाजपा का यह ट्विट राजद के ट्विट के बाद आया है, जो एक तरह से राजद को जवाब है। भाजपा ने यह भी कहा है कि वर्ष 2024 में देश की जनता इसी ताबूत में राजद को बंद कर देगी।
राजद के इस ट्वीट की कई राजनातिक पार्टियों ने आलोचना की है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने बिना किसी राजनैतिक पार्टी का नाम लिए कहा है कि नया संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर है। उस पर व्यर्थ की राजनीति करना उचित नहीं है।
ओवैसी ने की राजद की आलोचना
एमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि बेहतर होता अगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन का उद्घाटन करते। राजद का कोई स्टैंड नहीं होता है। पुराने संसद भवन को दिल्ली फायर सर्विस से क्लीयरेंस तक नहीं था। वे (राजद) संसद को ताबूत क्यों कह रहे हैं? वे कुछ और भी कह सकते थे, उन्हें यह एंगल लाने की क्या जरूरत थी?
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राजद की आलोचना
एक अन्य ट्वीट में राजद की आलोचना करते हुए कहा गया है, राजद का जाना अब निश्चित है।टाटा..,नई संसद का बहिष्कार करने वाले इन सभी दलों के लिए जनता जनार्दन 2024 में उनका बहिष्कार करेगी और प्रधान सेवक को फिर से चुनेगी। नरेंद्र मोदी 2024 में और भी बड़े जनादेश के साथ लौटेंगे। वे कर्म से बच नहीं सकते।