दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की बेंच ने कहा कि आरोप गंभीर प्रकृति के हैं और आबकारी नीति साउथ ग्रुप को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से तैयार की गयी थी।
न्यायालय ने फैसला रख लिया था सुरक्षित
न्यायालय ने 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। 4 मई को न्यायालय ने ईडी को नोटिस जारी किया था। 28 अप्रैल को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। राऊज एवेन्यू कोर्ट के फैसले को सिसोदिया ने दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
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ईडी की दलील
सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया मंत्री समूह के मुखिया थे और कैबिनेट के बारे में उनको सारी जानकारी थी। वे आबकारी नीति के बदलाव में मुख्य भूमिका में थे। सुनवाई के दौरान सिसोदिया की ओर से कहा गया था कि सिसोदिया के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला बनता ही नहीं। ईडी का पूरा केस सीबीआई के केस पर ही आधारित है।
9 मार्च को ईडी ने किया गिरफ्तार
ईडी ने मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था।