खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए 4 जून की शाम बेहद खास होने जा रही है। इस दौरान वट पूर्णिमा का चांद जहां पूर्व दिशा में स्ट्राबेरी मून के साथ चमक रहा होगा तो पश्चिम दिशा में शुक्र (वीनस) अपनी चमक बढ़ाए हुये सूर्य के साथ सबसे अधिक कोणीय दूरी पर रहेगा। अर्थात् स्ट्राबेरी मून आसमान में चमकते हुए वीनस का मुकाबला करता नजर आएगा।
इसलिए दिया गया है स्ट्राबेरी मून नाम
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने इन खगोलीय पिंडों की जानकारी देते हुए बताया कि पश्चिमी देशों में पूर्णिमा के इस चंद्रमा को स्ट्राबेरी के पकने के आरंभ होने के समय को देखते हुए स्ट्राबेरी मून नाम दिया गया है। कुछ देशों में इसे हॉट मून, रोज़ मून, मीड मून कहा जाता है। उन्होंने बताया कि पूर्णिमा का चांद महीने के बदलने और मौसम की जानकारी का समय बताने के लिए आकाशीय घड़ी के रूप में उपयोग किया जाता रहा है।
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क्या है वीनस एट ग्रेटेस्ट इलोंगेशन?
सारिका ने बताया कि 4 जून की शाम को पश्चिमी आकाश में चमकता दिखने वाला वीनस इस साल के लिए पृथ्वी से देखने पर सूर्य से सबसे अधिक कोणीय दूरी पर पहुंचेगा। यह इस समय माइनस 4.3 के मैग्निट्यूड से चमकेगा। यह खगोलीय घटना वीनस एट ग्रेटेस्ट इलोंगेशन कहलाती है, जिसमें इसकी डिस्क का आधा भाग सूर्य के प्रकाश से चमचमाता दिखेगा। उन्होंने बताया कि वीनस कुछ दिन पहले ही क्षितिज से इसके सबसे अधिक एल्टीट्यूड 42 डिग्री पर पहुंचा है। इसके बाद भी वीनस अपनी चमक बढ़ाता रहेगा और नौ जुलाई को यह सबसे चमकदार होगा।
सारिका ने बताया कि अगले साल स्ट्राबेरी मून 22 जून 2024 को होगा तो वहीं वीनस एट ग्रेटेस्ट इलोंगेशन की यह घटना 10 जनवरी 2025 को देखी जा सकेगी।
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