ये थाली ही काली है! क्या है एनडीपीएस कानून जिसमें लिपटा हुआ है बॉलीवुड

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बॉलीवुड में मादक पदार्थों के सेवन पर सांसदों की चिंता योग्य और अहम मुद्दा है। उनका सोचना इसलिए भी उचित है क्योंकि जिन फिल्मी कलाकारों की सोशल मीडिया पर चैट और पार्टी के दृश्य सामने आए हैं उन सभी की फैन फॉलोविंग है। इनकी फैन फॉलोविंग सबसे अधिक नौजवान पीढ़ी है जो मात्र अपने आपको अभिनेता दिखाने के लिए अपने आपको इस नशे की खंदक में झोंक देगा। लेकिन बात कहां से कहां पहुंच गई और बवाल बनकर आरोप तक पहुंच गया। राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने लोकसभा में मुद्दा उठानेवाले रवि किशन पर जमकर कटाक्ष किया। परोक्ष रूप से यहां तक कह दिया कि लोग जिस थाली में खाते हैं उसी में छेद करते हैं।
जया बच्चन की थाली तो ठीक है पर उसमें छेद करने की बात लोगों को पची नहीं। इस पर प्रतिक्रियां बड़ी ही तेजी से उठीं। लोगों का मानना है कि यहां थाली में छेद करने का मुद्दा नहीं है बल्कि यहां तो अब जो कुछ आंखों के समक्ष है वो सब इसे इंगित करता है कि बॉलीवुड की थाली ही काली है।
बॉलीवुड का कश और पाउडर पेग जांच की लेंस पर है और केंद्रीय जांच एजेंसी मादक पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो (नार्कोटिक कंट्रोल ब्यूरो) यानी एनसीबी इसमें संलिप्तता की छानबीन कर रही है। इसमें कई कलाकारों, फिल्म प्रोडक्शन कंपनी से संबद्ध लोग और जनसंपर्क एजेंसियों के लोगों की जांच की जा रही है। इसमें सबको सबकुछ पता चल रहा है लेकिन एनसीबी क्या है? और किन कानूनों के अंतर्गत मादक पदार्थ के सेवन और विक्रय में संलिप्तता पर हो सकती है कार्रवाई? ये बहुत कम लोगों ज्ञात है।

क्या है एनसीबी?
एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकॉट्रॉपिक सब्सटेंस) एक्ट 1985 के तहत इसकी स्थापना हुई थी। इसे किसी भी नशीले पदार्थ की रोकथाम के लिए गठित किया गया है। वह चाहे नशे का उत्पादन हो, उसका स्टोरेज हो, उसकी बिक्री हो या फिर नशीले पदार्थ का ट्रांसपोर्ट करना हो, यह एक्ट हर तरह के नशे से जुड़ी एक्टिविटी को रोकता है। अगर कोई इस एक्ट का पालन नहीं करता है तो उसके लिए कड़ा दंड भी उसी अनुपात में निर्धारित किया गया है।
आइये जानते हैं इससे संबंधित कुछ धाराओं के बारे में।

धारा 15
अगर कोई व्यक्ति किसी भी वजह से एनडीपीएस एक्ट अथवा संबंधित लाइसेंस रूल्स का उल्लंघन करता है तो इस कार्य को दंडनीय माना जाता है। पापी स्ट्रा (पोस्ता) से संबंधित उल्लंघन के मामलों, जिसमें नशीले पदार्थ की मात्रा 1 किलोग्राम तक शामिल रहती है, तो ऐसे में 10000 रूपये का जुर्माना अथवा 1 साल तक जेल की सजा अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है। इसी प्रकार अगर नशीले पदार्थों की मात्रा 1 किलो से अधिक और 50 किलोग्राम से कम पायी जाती है तो सजा 100000 का जुर्माना अथवा 10 साल तक दंड दिया जा सकता है। वहीं 50 किलोग्राम से अधिक मात्रा पाए जाने पर मिनिमम 10 साल तक सजा और अधिकतम 20 साल तक कारावास की सजा हो सकती है और 100000 से 2 लाख रुपए के बीच में जुर्माना लगाया जा सकता है।

धारा 16
इसी प्रकार एनडीपीएस एक्ट की धारा 16 में अगर कोका का पौधा अथवा उसकी पत्ती के संबंध में किसी कानून का उल्लंघन होता है, तो उसके लिए भी सजा निर्धारित की गई है। इसमें कोका के पौधे की खेती करना या उसके किसी भी भाग का संधारण करना, बिक्री करना, खरीदना इत्यादि प्रतिबंधित किया गया है और इसमें 10 साल कारावास की सजा और 1 लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

धारा 17
एनडीपीएस एक्ट की धारा 17 की बात करें, तो इसमें अगर कोई अफीम का उत्पादन, निर्माण करता है, उसे अपने पास रखता है, उसकी खरीद-बिक्री करता है, तब वह सजा का हकदार है और इसमें छोटी मात्रा के लिए 1 साल तक जेल या 10 हजार रुपए का जुर्माना अथवा दोनों का प्रावधान है। इसी प्रकार से अगर उसकी मात्रा अधिक है तो 10 साल तक की सजा और अगर बड़े स्तर पर अफीम की मात्रा पायी जाती है तो 10 से 20 साल तक की सजा हो सकती है। इसमें अधिकतम जुर्माने की राशि 2 लाख रुपया है।

धारा 18
एनडीपीएस एक्ट की धारा 18 में अफीम का कारोबार प्रतिबंधित किया गया है। इसमें अफीम पोस्ता की खेती, उत्पादन अथवा निर्माण को प्रतिबंधित किया गया है। एक्ट के तहत अगर यह कम मात्रा में आपके पास पाया जाता है तो 1 साल तक जेल और 10,000 का जुर्माना, वहीं अधिक मात्रा में पाए जाने पर 10 से 20 साल तक की सजा और अधिकतम दो लाख जुर्माना किया जा सकता है।

धारा 19
एनडीपीएस एक्ट की धारा 19 में किसी भी किसान द्वारा अफीम अवैध रूप से उत्पादन करना शामिल है और लाइसेंस धारी होने के बावजूद भी सरकार के तय खाते से अफीम का गबन करना, सजा का कारण बन सकता है। इसमें कम से कम 10 साल तक की जेल और अधिकतम 20 साल तक की जेल की जा सकती है और 1 से 2 लाख रुपए के बीच में जुर्माना दिया जा सकता है।

धारा 20
इसका उल्लंघन कर भांग, गांजा के किसी भी पौधे की खेती करता है तो ऐसा करने वाले व्यक्ति को कठोर कारावास से दण्डित किया जायेगा जो कि 10 साल तक कारावास की सजा और 1लाख रु जुर्माने के साथ दण्डित किया जायेगा।
जो कोई भी इस अधिनियम के प्रावधानों का या नियमो का या आदेशों का या अधिनियम के तहत जारी लाइसेंस की शर्तों का उलंघन कर भांग, गांजा का उत्पादन, निर्माण, कब्ज़ा, बिक्री, खरीद, परिवहन, अंतर् राज्य आयात, अंतर् राज्य निर्यात या भांग, गांजे का उपयोग करता है तो ऐसा करना दंडनीय होगा जो कि:-
1) जहां उल्लंघन छोटी मात्रा में शामिल वहां ऐसा करने वाले व्यक्ति को कठोर कारावास से जो कि 1 साल तक कारावास की सजा और 10 हजार रु जुर्माने के साथ दण्डित किया जायेगा।
2) जहां उल्लंघन व्यापारिक मात्रा से कम लेकिन छोटी मात्रा से अधिक मात्रा में शामिल है वहां ऐसा करने वाले व्यक्ति को कठोर कारावास से दण्डित किया जएगा जो कि 10 साल तक कारावास की सजा से और 1 लाख रु जुर्माने के साथ दण्डित किया जायेगा।
3) जहां उल्लंघन व्यापारिक मात्रा में शामिल है वहां ऐसा करने वाले व्यक्ति को कठोर कारावास से जो कि कम से कम 10 साल तक अधिकतम 20 साल तक कारावास की सजा से और कम से कम 1 लाख रु अधिकतम 2 लाख रु जुर्माने से दण्डित किया जायेगा।

धारा 21 और धारा 22
एनडीपीएस एक्ट की धारा 21 व धारा 22 ड्रग के उत्पादन व निर्माण के संबंध में है।

एनडीपीएस एक्ट के तहत जो कोई भी इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का, किसी भी नियम का, किसी भी आदेश का या लाइसेंस की शर्तो का उल्लंघन कर ड्रग का उत्पादन करता है, कब्जे में रखता है, बिक्री व् खरीद करता है, परिवहन करता है, अन्तर राज्यीय आयात निर्यात करता है या उत्पादित किसी भी ड्रग का उपयोग करता है तो ऐसा करना दंडनीय होगा जो कि :-
1) जहां उल्लंघन छोटी मात्रा में शामिल वहां उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को कठोर कारावास की सजा से कि 1 साल तक कारावास की सजा या 10000 रु जुर्माने के साथ या दोनों से दडंनीय होगा।
2) जहां उल्लंघन व्यापारिक मात्रा से कम लेकिन छोटी मात्रा से अधिक है वह उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को कठोर कारावास की सजा जो कि 10 साल तक कारावास जी सजा से और 1लाख रु जुर्माने के साथ दंडनीय होगा।
3) जहां उल्लंघन व्यापारिक मात्रा में है वहां उल्लंघन करने वाले व्यक्ति को कठोर कारावास की सजा से जो कि कम से कम 10 साल तक कारावास की सजा अधिकतम 20 साल तक कारावास की सजा से और कम से कम 1लाख रु जुर्माने से अधिकतम 2लाख रु जुर्माने से दंडनीय होगा।

धारा 23 और धारा 24
भारत में नशीली दवाओं के आयात निर्यात के लिए सजा निर्धारित करता है।
इस एनडीपीएस एक्ट के तहत जो कोई भी इस अधिनियम के किसी भी प्रावधान का, किसी भी नियम का, किसी भी आदेश का या इसके तहत जारी लाइसेंस की किसी भी शर्तों का, परमिट का, प्रमाणपत्र का या प्राधिकरण द्वारा जारी नियमो और आदेशों का उल्लंघन कर भारत में मादक दवाओं और नशीले पदार्थ का आयात करता है या भारत से निर्यात करता है या किसी भी मादक दवाओं का या नशीले पदार्थ का लेनदेन करता है तो यह दंडनीय होगा जो कि :-
1) जहां उल्लंघन छोटी मात्रा में शामिल है वहां कठोर कारावास की सजा से जो कि 1 साल तक कारावास की सजा से या 10000 रु जुर्माने के साथ या दोनों से दंडनीय होगा।
2) जहां उल्लंघन व्यापारिक मात्रा से कम लेकिन छोटी मात्रा से अधिक मात्रा में शामिल है वहां कठोर करवास से जो कि 10 साल तक कारावास की सजा से और 1 लाख जुर्माने के साथ दंडनीय होगा।
3) जहां उल्लंघन व्यापारिक मात्रा में शामिल है वहां कठोर कारावास से जो कि कम से कम 10 साल तक कारावास की सजा अधिकतम 20 साल तक कारावास की सजा से और कम से कम 1 लाख रु जुर्माने से अधिकतम 2 लाख रु जुर्माने से दंडनीय होगा।

धारा 25
किसी अपराध के कमीशन के लिए परिसर आदि की अनुमति देने के लिए सजा।
जो कोई भी किसी गृह, कमरे, अहाते, जगह, स्थान, पशु या परिवहन का मालिक, कब्जेधारी होने के नाते या उसका नियंत्रण या उपयोग कर रहा है, जानबूझकर किसी अन्य व्यक्ति को इस अधिनियम के तहत किसी भी दंडनीय अपराध के किये जाने के लिए इनका उपयोग करने की अनुमति देता है, तो वह इस अधिनियम के तहत उस अपराध के लिए उपबंधित दंड से दंडनीय होगा।

धारा 26
लइसेंसधारी या उसके सेवक द्वारा किये गए कुछ कार्यो के लिए सजा।
यदि इस अधिनियम के अधीन बनाये गए किसी नियम या किये गए किसी आदेश के अधीन या जारी किये गए किसी लाइसेंस, परमिट या प्राधिकार के लाइसेंस धारक या उसके सेवक द्वारा किये गए कुछ कार्य जो की :-
1) इस अधिनियम के प्रावधानों या किसी नियम के अनुसार खातों को बनाये रखने या किसी भी विवरण को प्रस्तुत करने में बिना किसी उचित कारण के भूल जाता है,
2) केंद्रीय सरकार या राज्य सरकार द्वारा इस कार्य हेतु प्राधिकृत किसी अधिकारी के मांग पर लाइसेंस, परमिट या प्राधिकार पेश करने में बिना किसी युक्तियुक्त करने के असफल रहता है,
3) ऐसा कोई लेखा रखेगा या ऐसा कोई कार्य करेगा जो मिथ्या है और जिसके बारे में वह जनता है या विश्वास करने का कारण रखता है की वह गलत है या ,
4) ऐसे लाइसें, परमिट या प्राधिकार की शर्तो को जिसके लिए इस अधिनियम में अन्य कोई दंड निर्धारित नहीं किया गया है भंग करके जानबूझकर कर और जानते हुए कोई कार्य करेगा,

एनडीपीएस एक्ट की धारा 27
किसी भी मादक दवा या नशीले पदार्थ के सेवन के लिए सजा।

1) उपधारा क के तहत जहां कोई व्यक्ति मादक दवाओं या मादक पदार्थ के जो कि कोकीन, मॉर्फिन, डाइसिटिलमोर्फिन या अन्य मादक दवाओं या अन्य नशीले पदार्थ का सेवन करता है तो या ऐसी कोई अन्य मादक दवाओं या नशीले पदार्थ का जो कि केंद्रीय सरकार द्वारा राजपत्र में अधिसूचना द्वारा मादक दवाओं या नशीले पदार्थ के रूप में निर्दिष्ट किया जाएया सेवन करता है तो यह कठोर कारावास से दंडनीय होगा जो कि 1 साल तक कारावास की सजा से या 20000 रु तक जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा।

2) उपधारा ख के तहत जहां कोई व्यक्ति ऐसी मादक दवाओं या नशीले पदार्थ का जो कि कोकीन, मॉर्फिन, दाइसिलिटमॉर्फिन से भिन्न मादक दवाओं या नशीले पदार्थ का सेवन करता है वह 6 महीने तक कारावास की सजा से या 10000 रु तक जुर्माने से या दोनों से दंडनीय होगा।

जाहिर तौर पर नशे का सेवन, अच्छे से अच्छे व्यक्ति को नष्ट कर सकता है और उसे समाज से काट सकता है। समाज से कटने के पश्चात ऐसा देखा गया है कि कई युवक या युवती आत्महत्या के मार्ग में प्रवृत्त हो सकते हैं, इसलिए हर एक को इस बारे में सजग होना चाहिए, ताकि नशे के सेवन और उसके किसी भी प्रकार के उत्पादन, भंडारण उसके कारोबार, ट्रांसपोर्टेशन से पूरी तरह कानून के दायरे में कार्य किया जाए, अन्यथा एनडीपीएस एक्ट 1985 आपको सालों साल तक जेल की सलाखों के पीछे धकेल सकता है।

धारा 31ए
इन सभी धाराओं के अतिरिक्त 31ए में एक बार दोष सिद्ध होने के पश्चात अगर दोबारा वही अपराध किया जाता है तो उसमें मृत्युदंड दिए जाने का प्रावधान भी है।

एनडीपीएस के पहले डेंजरस ड्रग्स अधिनियम 1930 कार्य करता था और यूएन कांफ्रेंस के बाद एनडीपीएस एक्ट 1985 का गठन किया गया।
कोका अर्थात कोकीन, कैनाबिस अर्थात भांग और पोस्त अर्थात अफीम के इर्द गिर्द नशे का कारोबार घूमता है और यह एक्ट भी इसी के इर्द गिर्द कार्य करता है।
इसमें दंड देने के लिए ड्रग की मात्रा मुख्य रोल प्ले करती है, जिसमें अल्प मात्रा, वाणिज्यिक मात्रा और दोनों के बीच की मात्रा काउंट की जाती है। सजा भी इसी मात्रा पर निश्चित है, जैसे अल्प मात्रा में प्रतिबंधित ड्रग मिलने पर दस हज़ार का जुर्माना एवं 1 वर्ष की जेल होती है। वाणिज्यिक अर्थात बड़ी मात्रा में ड्रग मिलने पर बीस साल की जेल एवं एक से दो लाख का जुर्माना होता है, जबकि दोनों के बीच की मात्रा में ड्रग पाए जाने पर दस साल जेल एवं एक लाख का जुर्माना दंड के तौर पर निश्चित किया गया है।

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