प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके छात्र विंग कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई) के पांच पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन पर राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने की साजिश रचने का आरोप है। बता दें कि अदालत ने पीएमएलए के तहत मामले का संज्ञान लिया है।
ईडी के अनुसार, समूह ने उत्तर प्रदेश में हाथरस और अन्य इलाको में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए खाड़ी देशों से 1.36 करोड़ रुपये का फंड इकट्ठा किया था।
पांच पदाधिकारियों को दी गई थी रकम
ईडी ने पीएफआई के पांच पदाधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की शिकायत पर मामला दर्ज किया। दिसंबर 2020 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया था कि गिरफ्तार केरल के पत्रकार सिद्धीकी काप्पन के घर से तलाशी के दौरान मिले दस्तावेज पीएफआई के गठन के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियों का खुलासा करते हैं। सरकार ने आगे कहा था कि पीएफआई छात्रों के इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का पुनर्जन्म था। बता दें कि सिमी एक आतंकी संगठन था, जिसे 2001 में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
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रऊफ शेरिफ को किया गया था गिरफ्तार
ईडी ने पिछले साल दिसंबर में पीएफआई के युवा नेता रऊफ शेरिफ को गिरफ्तार किया था। उसे केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से तब गिरफ्तार किया गया था, जब वह देश छोड़कर भागने की कोशिश कर रहा था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वह मस्कत भागने की फिराक में था।
दो करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग
ईडी के अनुसार, शेरिफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा और साथ ही हाथरस मामले में यूपी पुलिस द्वारा वांछित था। ओमान और कतर से उसके खाते में अवैध रुप से दो करोड़ रुपए जमा कराए गए थे। भारतीय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए ) और ईडी वर्तमान में पीएफआई से संबंधित विभिन्न मामलों की जांच कर रही हैं।
चार्जशीट में 100 से अधिक पीएफआई कार्यकर्ताओं के नाम
एनआईए ने अपने चार्जशीट में 100 से अधिक पीएफआई कार्यकर्ताओं को आतंकी और अन्य तरह की आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही इन पर इस्लामिक स्टेट (आईएस), आर्म्स ट्रेनिंग केस में शामिल होने का भी आरोप है।
सूफी इस्लामिक बोर्ड को प्रतिबंधित करने का आग्रह
विभिन्न देशविरोधी गतिविधियों में पीएफआई की कथित भूमिका के मिले सबूतों के आधार पर एक प्रमुख मुस्लिम संगठन, सूफी इस्लामिक बोर्ड को प्रतिबंधित करने का आग्रह किया गया है। एजेंसी ने अपनी ताजा अपील में गृह मंत्रालय से समूह को प्राथमिकता के आधार पर प्रतिबंधित करने का आग्रह किया है।