एमएसपी (MSP) पर सूरजमुखी (Sunflower) के बीज की खरीद की मांग कर रहे हरियाणा (Haryana) के किसान (Farmer) अब लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं। 13 जून को भी इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई। कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) में दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे (Delhi-Chandigarh Highway) पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि प्रशासन से बातचीत बेनतीजा है। आंदोलन आगे भी जारी रहेगा।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम वहीं मांग कर रहे हैं जो प्रधानमंत्री ने एमएसपी पर घोषित किया था, लेकिन हरियाणा के सीएम इसे राज्य में लागू नहीं कर रहे हैं। हाईवे जाम करने की बात कहकर किसानों को बदनाम किया जा रहा है। किसानों को संघर्ष के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब अगर सरकार या जिले के अधिकारियों से बातचीत होगी तो एसकेएम के लोग भी जाएंगे।
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दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे किया जाम
किसानों ने इस मुद्दे पर महापंचायत आयोजित करने के बाद सोमवार दोपहर से पिपली के पास राजमार्ग (एनएच-44) को जाम कर दिया है। ये राजमार्ग दिल्ली को चंडीगढ़ और कुछ अन्य मार्ग से जोड़ता है। किसानों और जिला प्रशासन के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन ये बेनतीजा रही।
टिकैत ने आगे कहा कि तय ये हुआ है कि अब संयुक्त किसान मोर्चा के लोग भी सरकार से बातचीत करने जाएंगे। अगर बातचीत विफल होती है तो पक्के मोर्चे लगाने पड़ेंगे। कल से लोग आना शुरू हो जाएंगे और फिर ये बढ़ता चला जाएगा। किसान ट्रैक्ट्रर, ट्रॉली और झोपड़ी का इंतजाम कर लें। दिल्ली वाला माहौल देखने को मिलने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि हां ऐसा ही देखने को मिलेगा। टिकैत ने बताया कि जिला प्रशासन के साथ सोमवार रात उनकी दो बैठकें हुईं, लेकिन इनका कोई नतीजा नहीं निकला।
फिर कर देंगे टोल प्लाजा बंद: किसान
उन्होंने कहा कि एक कमेटी का भी गठन हुआ है। सरकार बस टालने का काम कर रही है। टिकैत ने आरोप लगाया कि सरकार विज्ञापन पर पैसे खर्च कर रही है पर एमएसपी नहीं दे रही। हमें एमएसपी और गिरफ्तार किए गए किसानों की रिहाई के लिए एक बार फिर से इकठ्ठा होना होगा। अगर जरूरत पड़ी तो टोल प्लाजा बंद किए जायेंगे। अभी टोल खुला है। अब इस मोर्चे को और मजबूत करना है।
क्या है किसानों की मांग?
गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को सूरजमुखी फसल के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम मुआवजे के रूप में 29.13 करोड़ रुपये जारी किए थे। किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे। भावांतर भरपाई योजना के तहत राज्य सरकार एमएसपी से नीचे बेची जाने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए अंतरिम समर्थन के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है।
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