लिव इन रिलेशनशिपः जानिये, किस देश में है वैध किस में है अवैध

लिव इन रिलेशनशिप व्यवस्था शादी से अलग है। शादी की कानूनी परिभाषा होती है, लेकिन लिव-इन रिलेशन में ऐसा कुछ नहीं होता है।

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लिव इन रिलेशनशिप एक ऐसी व्यवस्था है, जिसमें बिना शादी किए एक जोड़ा एक साथ, एक छत के नीचे रह सकता है। 1990 के बाद हमारे समाज में कई बड़े बदलाव आए, उनमें से लिव इन रिलेशनशिप भी एक है। इस तरह का चलन विशेष रूप से शहरों में बढ़ रहा है। आज के युवाओं में बिना शादी किए साथ रहने यानी लिव इन रिलेशनशिप में रहने की प्रवृत्ति काफी तेजी से बढ़ रही है।

दरअस्ल लिव इन रिलेशनशिप व्यवस्था शादी से अलग है। शादी की कानूनी परिभाषा होती है, लेकिन लिव-इन रिलेशन में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसलिए इसे कॉमन-लॉ पार्टनर माना जाता है। लिव इन रिलेशनशिप कई देशों में लोकप्रिय है। चीन, अमेरिका, भारत, फ्रांस जैसे देशों में यह चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है। टीवी शो, मूवी, वेब सीरीज, आदि के कारण भी इसकी लोकप्रिता बढ़ रही है।

शहरी क्षेत्र में तेजी से बढ़ रही है लिव इन रिलेशनशिप की प्रवृत्ति
इन देशों में लिव-इन रिलेशनशिप, विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों में काफी लोकप्रिय है। इसका कारण बिना किसी तरह के बंधन में बंधे, बिना किसी शर्त के एक साथ रहने की सुविधा है। इसमें कपल शादी जैसे जीवन भर एक साथ रहने की शर्त और अन्य तरह के बंधन से मुक्त एक साथ रह सकता हैं और जब चाहे तब दोनों बिना किसी कानूनी टेंशन के अलग हो सकते हैं। हालांकि यह भी एक बड़ा कदम है, जहां पार्टनर एक-दूसरे को जान और समझ सकते हैं और अगर उन्हें लगता है कि वे एक साथ रहकर जीवन बीता सकते हैं तो शादी के बंधन में बंध सकते हैं।

इस कारण बढ़ रही है प्रवृत्ति
लिव इन रिलेशन पति-पत्नी की तरह ही साथ रहने और फिर जब चाहे, तब अलग होने की सुविधा के कारण इस व्यवस्था की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। यह व्यवस्था बिलकुल शादी की तरह ही है और इसमें और शादी में कानूनी बंधन के आलावा और कोई अंतर नहीं है। लिव इन रिलेशनशिप में यौन संबंध से लेकर हर तरह के संबंध पति-पत्नी की तरह होते हैं, लेकिन यह रिश्ता शादी की तरह स्थाई होगी, इसकी कोई गारंटी नहीं होती है। इस व्यवस्था में अगर वे अलग होना चाहते हैं तो तलाक या अन्य तरह की कानूनी अड़चन आड़े नहीं आती है।  20वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में, विवाह, लिंग और धर्म के संदर्भ में बदलती सामाजिक भूमिकाओं के कारण यह प्रथा पश्चिमी यूरोप, दक्षिण, दक्षिण पूर्व एशिया और उत्तरी अमेरिका में काफी तेजी से बढ़ रही है।

भारत
भारत में लिव-इन रिलेशनशिप कानूनी है, हालांकि देश में इसकी कोई कानूनी परिभाषा नहीं है। एस. खुशबू बनाम कन्नियाम्मल और अन्य मामले के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि धार्मिक और रूढ़िवादी प्रकृति के कारण लिव-इन रिलेशनशिप समाज में अनैतिक हो सकता है, हालांकि यह अवैध नहीं है। भारत में लिव-इन रिलेशनशिप से ज्यादा शादी को अहमियत दी जाती है।

दरअस्ल भारत में यह अवधारणा नई है लेकिन सच यह है कि युवा वर्ग शादी जैसे सामाजिक बंधन से डरते हैं। इसलिए जैसे-जैसे समय बदल रहा है, शहरी क्षेत्रों में यह प्रथा अधिक सामान्य होती जा रही है। लिव-इन रिलेशनशिप जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता से मुक्ति का एक साधन है, जबकि शादी में ये दोनों जरूरी होते हैं।

किस देश में क्या है स्थिति?

अमेरिका में साथ रहना अवैध नहीं, लेकिन लिव इन रिलेशन को कानूनी दर्जा प्राप्त नहीं है।

ब्रिटेन शादी के बिना साथ यानी लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले कपल को भी कानूनी दर्जा प्राप्त है।

ऑस्ट्रेलिया में तो लिव इन रिलेशनशिप के साथ ही शादीशुदा लोगों के लिव इन रिलेशन में रहना वैध माना जाता है।

कनाडा में लिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों को भी शादीशुदा कपल की तरह वैध मान्यता प्राप्त है।

फ्रांस

फ्रांस में लिव इन रिलेशनशिप दो लोगों के बीच कॉन्ट्रैक्ट माना जाता है।

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