समान नागरिक संहिता को लेकर सुशील मोदी ने साधा विपक्ष पर निशाना, लगाया ये आरोप

212

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हुए कहा कि जब भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में सभी धर्म के लोगों के लिए सजा का कानून समान है, तब विवाह, तलाक, गुजारा-भत्ता से संबंधित नागरिक कानून (फैमिली लॉ) में समानता क्यों नहीं होनी चाहिए?

सुशील कुमार मोदी का तर्क
सुशील कुमार मोदी ने  को बयान जारी कर कहा कि दुनिया के अधिकतर देशों में नागरिक कानून सबके लिए समान हैं, लेकिन भारत में धर्म-विशेष के वोट-बैंक की राजनीति करने वाले लोग समान नागरिक संहिता का विरोध करते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय का दिया हवाला
मोदी ने कहा कि बात-बात पर संविधान की दुहाई देने वाले विपक्षी दल संविधान की धारा-44 की चर्चा क्यों नहीं करते, जिसमें देश की निर्वाचित सरकार से समान नागरिक संहिता लागू करने की अपेक्षा की गई है? मोदी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी आधा दर्जन से अधिक मामलों में सुनवाई के दौरान समान नागरिक संहिता लागू करने की बात कही।

पंजाब का पैसा देशभर में विज्ञापन पर खर्च कर रहे भगवंत मानः शाह

आधी आबादी को मिलेगी बड़ी राहत
राज्यसभा सदस्य और भाजपी नेता ने कहा कि समान नागरिक संहिता लागू होने से आधी आबादी को बड़ी राहत मिलेगी और धर्म के नाम पर उनके समानता के अधिकारों का हनन नहीं हो सकेगा। मोदी ने कहा कि भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश में जब किसी का धर्म देख कर सजा तय नहीं होती, तब पारिवारिक मामलों में धार्मिक पहचान के आधार पर अलग-अलग कानून क्यों होने चाहिए?

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.