कश्मीरी पंडितों (Kashmiri Pandits) का नरसंहार कोई भी सरकार मान्य करने के लिए तैयार नहीं। उसके परिणामस्वरूप ही बंगाल सहित भारत (India) में जहां-जहां मुसलमान बहुल भाग है, वहां पर ‘कश्मीर पैटर्न’ (Kashmir Pattern) लागू किया जा रहा है। इसलिए आज भारत के अनेक स्थानों से हिन्दू पलायन कर रहे हैं, ऐसा स्पष्ट प्रतिपादन ‘यूथ फॉर पनून कश्मीर’ के अध्यक्ष राहुल कौल (Rahul Kaul) ने किया। वे ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ (Global Hindu Nation Festival) में ‘कश्मीरी पंडितों का नरसंहार नकारने पर देश पर होनेवाले परिणाम!’ इस विषय पर बोल रहे थे। इस अवसर पर व्यासपीठ पर कर्नाटक राज्य के फिल्म निर्माता प्रशांत संबरगी, ‘संयुक्त भारतीय धर्मसंसद’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आचार्य राजेश्वर और ‘राष्ट्र धर्म संगठन’ के अध्यक्ष संतोष केंचम्बा उपस्थित थे।
कौल आगे बोले, ‘जब तक कश्मीर के हिन्दुओं पर हुए अत्याचारों को नरसंहार नहीं माना जाता, तब तक कश्मीर में हिन्दुओं का पूनर्वसन संभव नहीं। यह केवल कश्मीरी हिन्दुओं के पुनर्वसन का ही विषय नहीं, अपितु देश के 60 से भी अधिक स्थानों पर ‘कश्मीरी पैटर्न’ अपनाकर इस्लामिक जिहादी अपने पैर फैला रहे हैं। अब वहां के हिन्दुओं की रक्षा का विषय है। जिस कश्मीर ने भारत को भरतमुनि दिए, वह कश्मीर आज हिन्दूविहीन हो गया। वर्तमान में कश्मीर में 99 प्रतिशत मुसलमान जिहादी विचारधारा के हैं। कश्मीरी पंडितों पर आक्रमण, भारत की संस्कृति नष्ट करने हेतु रचा गया षड्यंत्र है। गत एक सहस्र वर्षाें से कश्मीरी पंडितों पर इस्लामी आक्रमण हो रहे हैं।
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कश्मीर में हिन्दू सुरक्षित नहीं: कौल
वर्ष 1990 में कश्मीरी पंडितों द्वारा किया हुआ पलायन कश्मीर के इतिहास का 7वां पलायन था। प्रत्येक बार वे उतनी ही दृढता से कश्मीर लौटे थे। आज कश्मीर से 370 धारा हटाने पर भी कश्मीर हिन्दुओं के लिए सुरक्षित नहीं, यह वस्तुस्थिति है। यदि कश्मीरी पंडितों का नरसंहार मान्य नहीं किया, तो उसका प्रतिबिंब संपूर्ण भारत में दिखाई देगा, ऐसा संकेत भी कौल ने किया। इस अधिवेशन की सीधा प्रसारण हिन्दू जनजागृति समिति के जालस्थल HinduJagruti.org और ‘HinduJagruti’ ‘यू-ट्यूब’ चैनल द्वारा भी किया जा रहा है।