पन्ना में भगवान जगन्नाथ की धूमधाम से निकली रथयात्रा, ऐसा है मंदिर का इतिहास

रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ स्वामी की एक झलक पाने समूचे बुंदेलखंड क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रृद्धालु पन्ना स्वामी जगन्नाथ मंदिर में पहुंचते हैं।

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मध्य प्रदेश के पन्ना शहर में परंपरागत ऐतिहासिक रथ यात्रा 20 जून की शाम को जगन्नाथ स्वामी मंदिर से धूमधाम के साथ निकाली गई।पन्ना के जगन्नाथ स्वामी मंदिर की महिमा अपरंपार है।

1700 में हुआ था मंदिर का निर्माण
इस मंदिर का निर्माण महाराजा किशोर सिंह ने 1700 में करवाया था। पन्ना के राजा को भगवान ने सपना दिया था कि वे पुरी आकर उनकी प्रतिमा लेकर पन्ना जाएं और वहां के लोगो को कलयुगी दुनिया के अंधेरे से बचाएं। उसके बाद किशोर सिंह महाराज भगवान को लेने जाते हैं और भगवान की मूर्तियों को दो साल की यात्रा के बाद बड़े पराक्रम से पन्ना लाकर विराजमान कराया था। उसके बाद रथयात्रा की शुरुआत हुई। हर साल जून और जुलाई माह में यहां रथयात्रा पुरी के तर्ज़ पर ही निकाली जाती है और विश्व में इस रथयात्रा का दूसरा स्थान है।

मंत्री, नेता और अधिकारी भी हुए शामिल
परंपरा अनुसार राजपरिवार की ओर से महाराजा छत्रसाल द्वितीय, राज परिवार की ओर से जीतेश्वरी देवी एवं राजकुमारी ने 20 जून की शाम को पूजा अर्चना की एवं इसके बाद भगवान की रथयात्रा को रवाना किया। कार्यक्रम में खनिज साधन मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, कलेक्टर, एसपी धर्मराज मीना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आरती सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष मीना पाण्डेय सहित भारी संख्या में श्रृद्धालु गण उपस्थित रहे।

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हजारों की संख्या में श्रृद्धालु हुए शामिल
रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ स्वामी की एक झलक पाने समूचे बुंदेलखंड क्षेत्र से हजारों की संख्या में श्रृद्धालु यहां पहुंचते हैं। पन्ना जिले के इस सबसे बड़े धार्मिक समारोह के दरम्यान यहां की अद्भुत और निराली छटा देखते ही बनती है पन्ना की यह ऐतिहासिक रथयात्रा 169 वर्ष पूर्व तत्कालीन पन्ना नरेश महाराजा किशोर सिंह द्वारा शुरू कराई गई थी, जो परम्परानुसार अनवरत जारी है।

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