बालासोर में रेल दुर्घटना, वंदे भारत पर पथराव; ये घटनाएं रेल जिहाद नहीं तो क्या हैं? – आरएसएन सिंह

भारत में हो रहे रेल हादसे और वंदे भारत एक्सप्रेस पर पथराव, बोगी में आग, ये सब 'रेल जिहाद' है, दिल्ली के सुरक्षा विशेषज्ञ कर्नल आर.एस.एन. सिंह ने कहा।

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कुछ दिनों पूर्व बालासोर (Balasore) में भीषण रेल दुर्घटना (Rail Accident) में लगभग 300 यात्रियों की मृत्यु हो गई। बालासोर के पहले 31 मार्च को दिल्ली (Delhi) के शाहीन बाग निवासी शाहरुख सैफी नामक जिहादी ने केरल में जाकर ‘अलप्पुळा-कन्नूर एक्सप्रेस’ में पेट्रोल जैसा घातक ज्वलनशील पदार्थ डालकर 3 यात्रियों को जलाकर मार डाला और उस घटना में 9 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। शाहरुख सैफी भारत में प्रतिबंधित जाकिर नाइक का अनुयायी है। उसके पश्चात 1 जून को उसी रेलगाड़ी में पुनः वैसी ही घटना की पुनरावृत्ति हुई। केरल स्थित कन्नूर स्थानक में बोगी में आग लगाई गई। वह बोगी भारत पेट्रोलियम के ईंधन की टंकियों के निकट थी। इसे कहते हैं ‘गजवा-ए-हिन्द’, यही ‘रेल जिहाद’ है। जब से भारत में ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ (Vande Bharat Express) प्रारंभ हुई है, तब से उस पर देशभर में स्थान स्थान पर पथराव हो रहा है। आक्रमण की पद्धति भी एक समान है। ‘वंदे भारत’ के प्रति इतना तिरस्कार क्यों? ‘वंदे मातरम’ का द्वेष करनेवाले ही ‘वंदे भारत एक्स्प्रेस’ पर आक्रमण कर रहे हैं। क्या यह ‘रेल जिहाद’ नहीं है? ऐसा प्रश्न दिल्ली के सुरक्षा विशेषज्ञ कर्नल आर.एस.एन. सिंह (R.S.N. Singh) ने उपस्थित किया। वे ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में ‘रेल जिहाद’ (Rail Jihad) इस विषय पर बोल रहे थे।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के पू. रामबालकदासजी महात्यागी महाराज के करकमलों से मराठी और हिन्दी भाषा में ‘हिन्दू राष्ट्र : आक्षेप-खंडन’ इस ‘ई-बुक’ का लोकार्पण किया गया।

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त्रिपुरा में विद्यालयों के माध्यम से हिन्दुओं का धर्मांतरण ! – पू. चित्तरंजन स्वामी महाराज, त्रिपुरा
वर्ष 1985-86 से त्रिपुरा में बड़ी मात्रा में हिन्दुओं का धर्मांतरण हो रहा है। ईसाइयों ने बच्चों के लिए अंग्रेजी शिक्षा देनेवाले विद्यालय खोले हैं। इन विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को अच्छी शिक्षा का प्रलोभन देकर और बुद्धिभेद कर विद्यार्थी और अभिभावकों का धर्मांतरण किया जा रहा है। त्रिपुरा में मठ-मंदिरों में अनके साधु-संत हैं; परंतु वहां आनेवाले हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा नहीं दी जाती अतः धर्मांतरण की समस्या बढ गई है। हिन्दू धर्म बचा, तो ही मठ-मंदिर टिकेंगे। देश के कोने कोने से आए हिन्दुत्वनिष्ठ प्रतिज्ञा करें कि हम धर्मांतरण रोककर सनातन धर्म की, हिन्दुओं की रक्षा करेंगे और समय आने पर धर्म के लिए प्राणत्याग भी करेंगे, ऐसा आवाहन त्रिपुरा स्थित ‘शांती काली आश्रम’ के पू. चित्तरंजन स्वामी महाराज ने किया । वे ‘त्रिपुरा में धर्मांतरण की समस्या, उपाय एवं सफलता’, इस विषय पर बोल रहे थे।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के ‘श्री जामडी पाटेश्वरधाम सेवा संस्थान’ के संचालक पू. रामबालकदासजी महात्यागी महाराज ने कहा, ‘‘केवल व्यासपीठ से घोषणा कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना नहीं होगी। हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए प्रत्यक्ष कार्य करने की आवश्यकता है।’’ नेपाल स्थित ‘ॐ रक्षा वाहिनी’ के प्रमुख चिरण वीर प्रताप खड्का ने कहा, ‘‘हिन्दू राष्ट्र नेपाल को पिछले एक दशक से धर्मनिरपेक्ष घोषित कर समस्त हिन्दुओं की आस्था पर प्रहार किया गया है। नेपाल सहित संपूर्ण विश्व को हिन्दू राष्ट्र बनाने का ध्येय हिन्दुओं को रखना चाहिए।’’

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