अयोध्या की श्रीराम जन्मभूमि में मंदिर निर्माण बहुत तेजी से हो रहा है। गर्भ गृह के उद्घाटन की तारीख 15 से 25 जनवरी 2024 होने के बाद निर्माण कार्य में दोगुनी तेजी आ गई है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चम्पत राय ने सोशल मीडिया पर गुरुवार को मंदिर के काम की तस्वीरें जारी की हैं।
51 इंच की होगी प्रतिमा
राम मंदिर के निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ट्रस्ट की ओर से समय-समय पर दी जाती है। चंपत राय ने बताया है कि ग्राउंड फ्लोर तैयार होने के बाद मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। दिसम्बर तक मंदिर को अंतिम रूप दिया जाएगा। रामलला की प्रतिमा 51 इंच होगी। कर्नाटक के मैसूर से आए दो पत्थरों से प्रतिमा बनाई जा रही है। रामलला की एक अन्य मूर्ति राजस्थान के मकराना मार्बल से बनाई जा रही है। मूर्तिकार अरुण योगीराज अपनी पसंद का पत्थर कर्नाटक से लेकर आए हैं। राम मंदिर में दो पत्थरों को आपस में जोड़ने के लिए तांबे की पत्ती का इस्तेमाल किया जा रहा है। मंदिर में फसाद लाइट भी लगाई जाएंगी।
जनवरी 2024 में भक्तों को होंगे दर्शन
उन्होंने बताया कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए रामलला की 03 मूर्तियों का निर्माण शुरू हो गया है। सिर पर मुकुट, हाथ में धनुष-बाण लिए रामलला की मूर्तियां बनाई जा रही हैं। इनके लिए कर्नाटक की 02 श्याम शिला और राजस्थान के श्वेत संगमरमर का इस्तेमाल हो रहा है। हालांकि अभी यह निश्चित नहीं है कि इनमें से कौन-सी मूर्ति गर्भगृह के लिए चुनी जाएगी। उल्लेखनीय है कि तैयारी के हिसाब से श्रीराम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन राम मंदिर जनवरी, 2024 में खुल जाएगा। 24 जनवरी से भव्य गर्भगृह में भक्तों को रामलला के दर्शन मिलने लगेंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मकर संक्रांति से शुरू होगा। भव्य गर्भगृह में रामलला को विराजित करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आएंगे।
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