सावरकर परिवार के महान त्याग का होगा दर्शन, सरकार उठाएगी ‘त्रिवेणी’ नाट्य का खर्च

स्वातंत्र्यवीर सावरकर के राष्ट्र कार्य क्रांतिकार्य तक ही सीमित नहीं रहे, उन्होंने समाजकार्य के द्वारा हिंदुओं की सप्तबंदियों को तोड़ने का कार्य भी किया। जब वीर सावरकर और उनके बंधु कारागृह में थे उस काल में परिवार की महिलाओं ने बहुत संघर्ष किया।

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स्वातंत्र्यवीर सावरकर

स्वातंत्र्यवीर सावरकर द्वारा राष्ट्र के लिए किये गए त्याग, क्रांतिकार्य और समाजकार्य से विश्व परिचित है। लेकिन उनके परिवार ने भी कम त्याग नहीं किया। इसी त्याग को दर्शाता है त्रिवेणी नाट्य, जिसके मंचन का पूर्ण खर्च अब महाराष्ट्र सरकार करेगी। सांस्कृतिक कार्य संचालनालय ने इस संबंध में निर्णय किया है।

स्वातंत्र्यवीर सावरकर का नाम देश के अग्रणी क्रांतिकारियों में आता है। उनकी प्रेरणा से देश को अनगिनत क्रांतिकारी मिले, उनके क्रांतिकार्य से ही देश में पिस्तौल बनाने की तकनीकी उस काल में मिल पाई। स्वातंत्र्यवीर सावरकर के जीवनकाल में असंख्य ऐसे कार्य हैं जो मात्र उन्होंने ही किया और उन्हीं से संभव था। मार्सेलिस के अथाह सागर में कूदना ऐसा इतिहास है जो न कोई दूसरा कर पाया और न ही किसी अन्य से संभव है। स्वातंत्र्यवीर सावरकर ने जीवन में अपना सबकुछ त्यागकर राष्ट्र सेवा को समर्पित कर दिया था। ऐसे क्रांति प्रणेता के परिवार ने भी कम त्याग नहीं किये।

..तब परिवार को संभाला
जब सावरकर परिवार के पुरुष सदस्य कारावास काल में थे, तब घर की जिम्मेदारी महिलाओं के कंधों पर थी। सावरकर परिवार की उन्हीं महिलाओं के योगदान पर आधारित है नाटिका, त्रिवेणी। जो वीर सावरकर के परिवार की अनछुए योगदानों से सबको परिचित कराएगा। इस नाट्य के लिए पूरा खर्च महाराष्ट्र सरकार का सांस्कृतिक कार्य संचालनालय वहन करेगा। इसके प्रस्तुतिकरण में सांस्कृति कार्य संचालनालय, अनुनाद कलाविष्कार बहुउद्देशीय संस्था और संवेदना संस्था नागपुर कर रहे हैं।

इस नाट्य के लिए 2 लाख 20 हजार 500 रुपए का खर्च आएगा। जिसके लिए प्रशासनिक मान्यता प्राप्त हो गई है।

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