नार्कोटिक्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के दिखने लगे परिणाम – शाह

हमारा संकल्प है कि हम भारत में नारकोटिक्स का व्यापार नहीं होने देंगे और ना ही भारत के माध्यम से ड्रग्स को विश्व में कहीं बाहर जाने देंगे। ड्रग्स के खिलाफ इस मुहिम में देश की सभी प्रमुख एजेंसियाँ, विशेषकर “नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्युरो” निरंतर अपनी जंग जारी रखे हुए है।

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“नशीली दवाओं के दुरुपयोग व अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस” पर अपने संदेश में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज 26 जून 2023 को “नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस” के अवसर पर मैं ड्रग्स के विरुद्ध लड़ाई लड़ रही सभी संस्थाओं और लोगों को दिल से बधाई देता हूँ। यह अत्यंत हर्ष की बात है कि नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) इस बार भी अखिल भारतीय स्तर पर ‘नशा मुक्त पखवाड़ा’ का आयोजन कर रहा है।

अमित शाह ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय ने नार्कोटिक्स के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की जो नीति अपनाई है आज उसके सफल परिणाम दिखने लगे हैं। इस नीति का एक मुख्य स्तंभ है मोदी सरकार की “व्होल ऑफ़ गवर्नमेंट अप्रोच”, जिसमें अलग अलग विभागों के समन्वय से नीति और प्रभावी बनती है।

भारत के माध्यम से ड्रग्स को विश्व में कहीं नहीं जाने देंगे
गृह मंत्री ने कहा कि हमारा संकल्प है कि हम भारत में नारकोटिक्स का व्यापार नहीं होने देंगे और ना ही भारत के माध्यम से ड्रग्स को विश्व में कहीं बाहर जाने देंगे। ड्रग्स के खिलाफ इस मुहिम में देश की सभी प्रमुख एजेंसियाँ, विशेषकर “नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्युरो” निरंतर अपनी जंग जारी रखे हुए है। इस अभियान को सशक्त करने के लिए गृह मंत्रालय ने 2019 में एनकॉर्ड (NCORD) की स्थापना की एवं हर राज्य के पुलिस विभाग में एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) का गठन किया गया, जिसका पहला राष्ट्रीय सम्मेलन अप्रैल 2023 में दिल्ली में हुआ।

नशा कारोबारियों पर भाजपा सरकार ने दर्ज किए 181% अधिक मामले
शाह ने कहा कि ड्रग्स के दुरुपयोग एवं दुष्प्रभावों के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर उपयुक्त मंचों के माध्यम से युद्ध स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। ड्रग्स के विरुद्ध हमारी इस व्यापक और समन्वयित लड़ाई का ही असर है कि जहाँ 2006-13 में मात्र 768 करोड़ रुपए की ड्रग्स जब्त हुयी थी तो वहीँ 2014-22 में यह लगभग 30 गुना बढ़कर 22 हज़ार करोड़ हो गयी। और नशे का व्यापर करने वाले लोगों के विरुद्ध पहले की तुलना में 181% अधिक मामले दर्ज किये गये हैं। यह मोदी सरकार की नशा मुक्त भारत के प्रति कटिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही जून 2022 में हमने जब्त किये ड्रग्स के दुबारा उपयोग को रोकने के लिए एक विनिष्टीकरण अभियान चलाया जिसमें अब तक देशभर में लगभग 6 लाख किलो जब्त मादक पदार्थों को नष्ट किया जा चुका है।

“ड्रग्स मुक्त भारत” के हो रहे प्रयास
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि चाहे ड्रग्स की खेती को नष्ट करना हो या जनजागरण हो गृह मंत्रालय सभी संस्थाओं और प्रदेशों के समन्वय से “ड्रग्स मुक्त भारत” के लिए हर सम्भव प्रयास कर रहा लेकिन इस लड़ाई को बिना जनभागीदारी के नहीं जीता जा सकता। आज इस अवसर पर मैं सभी देशवासियों से यह अपील करता हूँ कि अपने आप को और अपने परिवार को ड्रग्स से दूर रखें। ड्रग्स न केवल युवा पीढ़ी और समाज को खोखला बनाता है, बल्कि इसकी तस्करी से अर्जित धन देश की सुरक्षा के खिलाफ प्रयोग में लाया जाता है। इसके दुरुपयोग के विरुद्ध इस युद्ध में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लें। अपने आस-पास हो रहे ड्रग्स के व्यापार की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को दें।

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