प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को तमिलनाडु के चेन्नई में एक सैन्य कार्यक्रम में 118 अर्जुन स्वदेशी युद्धक टैंक को भारतीय थल सेना प्रमुख एमएन नरवणे को सौंप दिया। अर्जुन टैंक के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन(डीआरआडीओ) ने इसे विकसित किया है। इसी के साथ भारत ने पाकिस्तान और चीन समेत अन्य दुश्मन देशों को कड़ा संदेश दिया है।
General MM Naravane #COAS interacted with the crew of Main Battle Tank #MBT #Arjun Mk 1A. Earlier today, Shri Narendra Modi #PrimeMinisterofIndia handed over the Main Battle Tank #MBT #Arjun Mk 1A to the #IndianArmy. The event was held at Jawaharlal Nehru Indoor Stadium, Chennai. pic.twitter.com/GEDLACw5mK
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) February 14, 2021
124 अर्जुन टैंकों के पहले बैच के बेड़े में 118 और युद्धक टैंक शामिल
14 फरवरी को 124 अर्जुन टैंकों के पहले बैच के बेड़े में 118 और युद्धक टैंक आधिकारिक रुप से शामिल हो गए हैं। हालांकि इसके पहले बेड़े में 124 अर्जुन टैंकों को पहले ही सेना में शामिल किया जा चुका है।
पाकिस्तान से लगी सीमा पर पश्चिमी रेगिस्तान में इन्हें तैनात किया गया है। 118 अर्जुन टैंक के भी पहले के 124 टैंकों की तरह भारतीय सेना के बख्तरबंद कोर में दो रेजिमेंट बनाए जएंगे। पश्चिम राजस्थान में इनके कोर होने का मतलब है कि पाकिस्तान इनके निशाने के अंदर होगा।
निशाने पर पाकिस्तान
पुलवामा हमले के बाद भारत द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद वैसे तो पाकिस्तान भारत की तरफ आंख उठाने से भी डरता है, लेकिन आनेवाले समय में अगर उसने ऐसा कुछ किया तो उसके जहन में ये तस्वीर जरुर उभर आएगी, जिसमें उसे अपना काल नजर आएगा।
अर्जुन टैंक की खासियत
- डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन ने अर्जुन टैंक की फायर पावर क्षमता को काफी बढ़ा दिया है।
- टैंक में टेक्नोलॉजी का ट्रांसमिशन सिस्टम है। इससे अर्जुन टैंक आसानी से अपने लक्ष्य की तलश कर लेता है।
- यह टैंक युद्ध के मैदान में बिछाई गई माइसं कौ हटाकर आसानी से आगे बढ़ने में सक्षम है।
- टैंक में केमिकल अटैक से बचने के लिए स्पेशल सेंसर लगाए गए हैं।