दिल्ली (Delhi) के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) के सामने एक और मुश्किल आ गई है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले की मरम्मत पर हुए खर्च का सीएजी ऑडिट (CAG Audit) होगा। एलजी (LG) की सिफारिश के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) ने सीएजी ऑडिट कराने का फैसला लिया है। इससे पहले सीएम केजरीवाल के आवास (Housing) पर हुए खर्च को लेकर एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था।
सीएम आवास में लगाए गए कुल पर्दों पर कुल एक करोड़ रुपए खर्च हुए। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि कुल 23 पर्दों का ऑर्डर दिया गया था। इसे लेकर दिल्ली भाजपा ने आम आदमी पार्टी को घेरा था। रिपोर्ट में बताया गया कि सीएम केजरीवाल के सरकारी आवास पर लगा मार्बल वियतनाम से आयात किया गया था। इस डायर पर्ल मार्बल की कीमत एक करोड़ 15 लाख रुपये बताई गई थी। सीएम के बंगले पर रेनोवेश में 45 करोड़ रुपये खर्च करने की बात कही गई थी।
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भाजपा ने किया था दावा
भाजपा ने दावा किया था कि यह नवीनीकरण नहीं बल्कि पुराने ढांचे की जगह नया ढांचा बनाया गया है। इसमें उनका कैंप कार्यालय भी है। इस मामले के दस्तावेजों से पता चलता है कि 6, फ्लैट स्टाफ रोड, सिविल लाइंस स्थित केजरीवाल के आधिकारिक आवास के नवीनीकरण पर 43.70 करोड़ रुपये की स्वीकृत राशि के बजाय 44.78 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे। दस्तावेज में यह रकम 9 सितंबर 2020 से जून 2022 के बीच 6 बार खर्च की गई।
आम आदमी पार्टी ने दी थी सफाई
इस पूरे मामले में आम आदमी पार्टी की ओर से सफाई भी दी गई। आप सांसद और पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा था कि केजरीवाल जिस घर में रहते हैं वह 1942 में बना था। चड्ढा ने कहा कि घर के अंदर से लेकर बेडरूम तक छत से पानी टपकता था। इसका ऑडिट लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा किया गया था। उन्होंने कहा कि यह सरकारी बंगला है। दूसरे सीएम और पीएम से भी तुलना होनी चाहिए। आप प्रवक्ता ने कहा था कि सीएम शिवराज के आवास पर चूना रगड़ने पर 20 करोड़ रुपये खर्च किये गये। पीएम मोदी का आवास बन रहा है, जिसकी अनुमानित लागत 500 करोड़ है। यह रकम दोगुनी या इससे भी ज्यादा हो सकती है।
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