महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में कुछ ऐतिहासिक फैसले लिए। इन फैसलों से पूरे महाराष्ट्र के विकास में आशातीत परिणाम आने के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बैठक में सरकार ने कई राष्ट्रीय महापुरुषों को सम्मान देने के साथ ही राज्य में चिकित्सा सुविधा का विस्तार करने के भी फैसले लिए। सरकार ने बताया कि मुंबई का बांद्रा-वर्सोवा सी-लिंक अब स्वातंत्र्यवीर वीर सावरकर सेतु के नाम से जाना जाएगा। वहीं मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक का नाम बदलकर अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति सेतु रखा गया है।
700 जगहों पर शुरू होंगे हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे क्लीनिक
इस कैबिनेट की बैठक में शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे नाम पर पूरे महाराष्ट्र राज्य में 700 जगहों पर हिंदू हृदय सम्राट बाला साहेब ठाकरे क्लीनिक शुरू करने का भी फैसला लिया गया। इसके लिए 210 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। भामा आसखेड परियोजना की नहरों को रद्द करने का फैसला भी इस कैबिनेट बैठक में लिया गया है। इसका लाभ तीन तालुके के किसानों को मिलेगा।
स्थापित होगा स्वातंत्र्यवीर सावरकर वीरता पुरस्कार
28 मई को वीर सावरकर की जयंती के अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसकी घोषणा करते कहा था कि मुंबई में आगामी बांद्रा-वर्सोवा समुद्री लिंक का नाम हिंदुत्व विचारक दिवंगत स्वातंत्र्यवीर वीडी सावरकर के नाम पर रखा जाएगा। साथ ही केंद्र सरकार के वीरता पुरस्कारों की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार भी स्वातंत्र्यवीर सावरकर वीरता पुरस्कार स्थापित करेगी।
स्वातंत्र्य वीर सावरकर सी लिंक की खास बातें
मुंबई की निर्माणाधीन स्वातंत्र्यवीर सावरकर सी लिंक की लंबाई 17.17 किलोमीटर है। यह पुल कोस्टल रोड के हिस्से के रूप में अंधेरी के उपनगर वर्सोवा को बांद्रा में बांद्रा-वर्ली सी लिंक से जोड़ेगा। इस 8 लेन के सी-लिंक से वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और मुंबई उपनगरीय रेलवे की पश्चिमी लाइन पर ट्रैफिक कम होने की उम्मीद है। अभी वर्सोवा से बांद्रा की दूरी तय करने में डेढ़ घंटे से अधिक समय लगता है। इस सी लिंक के बन जाने के बाद वर्सोवा से सिर्फ 30 मिनट में बांद्रा पहुंचा जा सकेगा।
2026 में होगा तैयार
बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक का काम 2018 में शुरू हुआ था और 2026 में यह सी-लिंक बनकर तैयार होगा। बांद्रा वर्सोवा सी लिंक पर ऑटर्स क्लब, जुहू लिंक रोड और नाना-नानी पार्क से चढ़ना-उतरना हो सकेगा। बांद्रा, कार्टर रोड, जुहू-कोलीवाड़ा और नाना-नानी पार्क में टोल प्लाजा होगा। बांद्रा-वर्सोवा सी लिंक प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत 11 हजार 332 करोड़ है।
अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति सेतु की खास बातें
18,000 करोड़ की अनुमानित लागत से बन रहे मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक अब अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति सेतु 22 किलोमीटर लंबा 6 लेन का पुल है। इस पुल का 16.5 किलोमीटर हिस्सा समुद्र पर है और 5.5 किलोमीटर धरती पर है। इस पुल के जरिए सेंट्रल मुंबई के शिवड़ी से नवी मुंबई के शिवाजी नगर तक सिर्फ 20 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। अभी यह दूरी तय करने में ढेढ़ घंटे का समय लगता है। अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति सेतु की कई खासियतें हैं और उन्हीं में से एक है ऑर्थोपेडिक स्टील डेक। यह सी लिंक न्हावा शेवा बंदरगाह से होकर गुजरेगा।
दिसंबर 2023 तक खुलेगा अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति सेतु
यह भारत का पहला ब्रिज होगा जिस पर ओपन रोड टोलिंग सुविधा होगी, यानी इस पर जगह-जगह पर टोल बूथ नहीं होंगे। इस सिस्टम से ड्राइर्स बिना रुके ही इलेक्ट्रॉनिकली टोल दे सकेंगे। अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति सेतु नवंबर-दिसंबर 2023 तक आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
राजस्व में होगी बढ़ोतरी
अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति सेतु के शुरू हो जाने के बाद राज्य की अर्थव्यवस्था भारी बढ़ोतरी होने के पूरे आसार हैं। मई 2023 के आखिरी हफ्तेे में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुल का दौरा किया था। उस दौरान मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा था कि इस पुल से राज्य की अर्थव्यवस्था में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा था कि मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक सिर्फ मुंबई के लिए ही नहीं बल्कि पूरे मुंबई मेट्रोपॉलिटन रिजन के लिए गेमचेंजर साबित होगा।