अपने दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को जब कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी हिंसा प्रभावित राज्य मणिपुर पहुंचे, तो बिष्णुपुर में उनका काफिला रोक दिया गया। वे चुराचांदपुर जा रहे थे। राहुल गांधी को रोकने का कारण बताते स्थानीय पुलिस ने बताया कि रास्ता जोखिम भरा है, जिससे कांग्रेस के इस बड़े नेता की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। कई जगहों पर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। बाद में उन्हें हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर जाने की इजाजत दे दी गई। अर्थात राहुल गांधी की यात्रा को रोका नहीं गया है, बल्कि उनकी सुरक्षा के लिहाज से सुविधाएं दी गई हैं।
अब तक नहींं मिले लुटे हथियार
केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के दफ्तर को पहले ही सूचित कर दिया गया था कि सड़क मार्ग से चुराचांदपुर जाना ठीक नहीं है। मणिपुर के पुलिस स्टेशनों और सुरक्षा बलों के कैंपों से लूटे गए लगभग 4000 हथियार, अभी वापस जमा नहीं हुए हैं। ऐसे में राहुल गांधी की सुरक्षा को जोखिम हो सकता है। राहुल गांधी की इस यात्रा को रोकने का सबसे बड़ा कारण लूटे गए हथियारों की पूर्ण वापसी नहीं होना बताया जा रहा है। मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा के बाद वहां पर 5000 से ज्यादा हथियार लूटे गए। मगर अभी तक 1600 हथियार ही वापस लौटाए गए हैं।
उपद्रवियों से खतरा
उपद्रवियों ने न केवल समुदायों, बल्कि सुरक्षा बलों पर भी हमला किया गया है। ऐसे में राहुल गांधी का सड़क मार्ग से जाना उनकी सुरक्षा को खतरा हो सकता है। इस तरह के माहौल में राहुल की सुरक्षा के साथ कोई जोखिम नहीं लिया जा सकता था। राहुल गांधी को रोकने का एक अन्य कारण बताते यह भी कहा जा रहा है कि मणिपुर के विभिन्न इलाकों में लंबे समय से रोड ब्लॉक किए गए हैं। खासतौर पर महिलाओं के समूहों ने सुरक्षा बलों का रास्ता रोका है। इसके अलावा कई इलाके ऐसे भी हैं, जहां उपद्रवियों ने खुद ही रोड पर नाके लगा रखे हैं। इस वजह से राहुल गांधी के लिए सड़क मार्ग से जाना खतरे से भरा रह सकता था। साथ ही प्रदर्शनकारियों की आड़ में उपद्रवियों द्वारा किसी वारदात को भी अंजाम दिया जा सकता था। राहुल के साथ सुरक्षा कर्मी चलते हैं, लेकिन सड़क के किस हिस्से पर आईईडी लगाई हो, यह नहीं कहा जा सकता।
भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा, राहुल को लेकर वहां पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। वहां का विषय बहुत गंभीर है। स्टूडेंट यूनियन ने राहुल के दौरे का बॉयकाट करने की बात कही थी। सिविल सर्विस आर्गेनाइजेशन ने भी राहुल के दौरे पर एतराज जताया था। कुछ जगहों पर महिलाओं का समूह भी विरोध प्रदर्शन कर रहा था। इसके चलते ही राहुल को हेलीकॉप्टर से जाने की सलाह दी गई।
बता दें कि मणिपुर में मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग के विरोध में तीन मई को रैली का आयोजन हुआ था। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर ने इस रैली का आयोजन किया था। रैली के दौरान हिंसा भड़की थी। अभी तक इस हिंसा में 100 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है।
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