महाराष्ट्र सरकार (Government of Maharashtra) ने ‘अंगड़िया’ (Angadia) से जुड़े वसूली (Recovery) के एक मामले में कथित तौर पर लिप्त होने को लेकर पिछले साल मार्च में निलंबित (Suspended) किए गए भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service) के अधिकारी सौरभ त्रिपाठी (Saurabh Tripathi) को सेवा में बहाल कर दिया है। यह निर्णय मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति ने लिया है।
पिछले साल आईपीएस अधिकारी सौरभ त्रिपाठी के खिलाफ अंगड़िया व्यापारियों से रंगदारी वसूलने का मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद राज्य के गृह विभाग ने उनके निलंबन के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर कर 22 मार्च 2022 को त्रिपाठी को निलंबित कर दिया गया।
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कार्रवाई वापस लेते हुए कमेटी ने क्या कहा?
इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज सैनिक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है। समिति ने त्रिपाठी के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई वापस ले ली। कमेटी ने फैसला लेते हुए कहा है कि किसी भी आईपीएस अधिकारी को तीन महीने से ज्यादा समय तक निलंबित नहीं किया जा सकता, इसलिए त्रिपाठी का निलंबन रद्द किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी अगली तैनाती पर फैसला पुलिस स्थापना बोर्ड लेगा।
जबरन वसूली की शिकायत
गौरतलब है कि 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी को मुंबई द्वितीय जोन के उपायुक्त पद पर रहते हुए निलंबित कर दिया गया था। एक अंगड़िया ने पिछले साल फरवरी में एलटी मार्ग पुलिस स्टेशन में उनके और तीन अन्य लोगों के खिलाफ जबरन वसूली की शिकायत दर्ज कराई थी।
तीन पुलिस अधिकारी गिरफ्तार
इस मामले में क्राइम ब्रांच ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। उनमें से 3 पुलिस अधिकारी थे। गिरफ्तार पुलिस इंस्पेक्टर ओम बांगटे से पूछताछ के दौरान डीसीपी सौरभ त्रिपाठी का नाम सामने आया। इसके बाद त्रिपाठी के खिलाफ मामला दर्ज कर निलंबन की कार्रवाई की गयी।
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