सीमा शुल्क अधिकारी सचिन सावंत पर क्यों चला ईडी का डंडा?

प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीमा शुल्क अधिकारी सचिन सावंत को गिरफ्तार किया।

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प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की टीम की छानबीन में सीमा शुल्क विभाग (Customs Department) के अतिरिक्त आयुक्त सचिन सावंत (Additional Commissioner Sachin Sawant) की संपत्ति ग्यारह साल में एक लाख से दो करोड़ रुपये तक बढ़ने का खुलासा हुआ है। इस मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के लखनऊ (Lucknow) में कार्यरत सचिन सावंत को ईडी की टीम ने बुधवार (28 जून) को लखनऊ से गिरफ्तार (Arrested) कर मुंबई ले आई। अदालत ने सावंत को पांच जुलाई तक ईडी कस्टडी (ED Custody) में भेजा है। सावंत को गुरुवार (29 जून) को जेजे अस्पताल में मेडिकल जांच के लिए ईडी ले गई थी, वहां सावंत ने मीडिया के सामने हंगामा करने का प्रयास किया लेकिन ईडी की टीम ने मामले को नियंत्रित कर लिया। ईडी ने कहा कि फिलहाल मामले की गहन जांच की जा रही है।

जानकारी के अनुसार, मुंबई के मूल निवासी सावंत को 2008 में भारतीय राजस्व सेवा में चुना गया था। प्रारंभ में इसे न्हावा शेवा बंदरगाह पर सीमा शुल्क विभाग में नियुक्त किया गया था। वहां से उन्हें 2017 से 2019 के बीच ईडी के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय-1 में उप निदेशक के पद पर तैनात किया गया। इस बीच हीरा कारोबारियों द्वारा 500 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया था। सावंत मामले की जांच कर रहे थे। जांच के दौरान यह संदेह हुआ कि उन्होंने पैसों की हेराफेरी की है। इसके बाद सावंत को सीमा शुल्क विभाग में लखनऊ स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि 500 करोड़ रुपये के घोटाले को लेकर सीबीआई ने जून 2022 में केस दर्ज किया था। सूत्रों ने बताया कि इसी आधार पर ईडी ने जांच शुरू की है।

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परिवार पर करोड़ों खर्च किये
इसी आधार पर ईडी ने सचिन सावंत के घर पर छापा मारा और कुछ दस्तावेज जब्त किए। यह छापेमारी 500 करोड़ रुपये के गबन में सावंत की भूमिका की जांच के लिए की गई थी। ईडी को जांच में पता चला कि उन्होंने अपनी आय से 204 प्रतिशत अधिक अपने परिवार पर खर्च किया। जांच में पाया गया कि यह खर्च 2 करोड़ 45 लाख 78 हजार 579 रुपये था।

संपत्तियों की गहन छानबीन
उल्लेखनीय है कि आईआरएस में शामिल होने से पहले सावंत 30 वर्षों तक मुंबई में अपने माता-पिता के साथ पुलिस क्वार्टर में बमुश्किल 200 वर्ग फुट के घर में रहते थे। उनके पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे। सचिन सावंत ने 2017 से 2019 तक ईडी के मुंबई 2 डिवीजन के उप निदेशक के रूप में काम किया है। सीबीआई जांच के दौरान 2011 में सचिन सावंत की पारिवारिक संपत्ति 01 लाख 40 हजार थी। यह 2022 तक 2.1 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। नवी मुंबई के सानपाड़ा में सी क्वीन हेरिटेज बिल्डिंग में खरीदा गया एक फ्लैट भी शक के दायरे में है। यह फ्लैट खरीदने के लिए 1.03 करोड़ में से 1.02 करोड़ नकद दिए गए। सेवन हिल्स कॉन्स्ट्रोवेल का पंजीकृत कार्यालय दादर पूर्व के चाली में दिखाया गया था। उनका इनकम टैक्स रिटर्न 2018-19 में दाखिल किया गया था। इसमें 6800 रुपये का नुकसान दिखाया गया है। सावंत सानपाड़ा में एक फ्लैट में रह रहे थे, जबकि उनके माता-पिता अपने पैतृक गांव में रह रहे थे। ईडी ने दावा किया कि 2016 में मनोज लुंकड़ के नाम पर खरीदी गई बीएमडब्ल्यू कार सचिन सावंत की बेनामी संपत्ति थी। दावा किया गया है कि मनोज लुंकड़ और सचिन सावंत संपर्क में थे। फिलहाल ईडी की टीम सावंत की अन्य नामी बेनामी संपत्तियों की गहन छानबीन कर रही है।

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