अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा भेजा गया रोवर पर्सीवेरेंस मंगल ग्रह पर उम्मीद के मुताबिक काम कर रहा है। हालांकि लैंडिंग होने से पहले उसका संपर्क टूट जाने से मिशन पर लगे वैज्ञानिक घबरा गए थे, लेकिन लैंडिंग मैनेजमेंट टीम ने जल्द ही स्थिति को कंट्रोल कर लिया और उसके बाद रोवर की लाल ग्रह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग पूरी हुई।
जीवन की संभावनाओं का लगाएगा पता
पर्सीवेरेंस नाम का छह पहियोवाला यह रोबोट मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाओं का पता लगाने के लिए भेजा गया है। लौटते समय वह अपने साथ वहां से मिट्टी और चट्टान साथ लेकर आएगा। 20 करोड़ किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर वह वह स्पेस कैप्सूल के साथ इसी हफ्ते की शुरुआत में मंगल ग्रह पर पहुंचा है। इस मिशन में कुछ देर के लिए कैप्सूल से सिग्नल मिलना बंद हो गया था। इस वजह से टीम में शामिल वौज्ञानिकों के दिल की धड़कन बढ़ने लगी थी। लेकिन वहां मौजूद विश्व के सर्वश्रेष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने हिम्मत नहीं हारी और संभालने का प्रयास शुरू कर दिया। चंद मिनटों में ही पूरा सिस्टम सुचारु रुप से काम करने लगा। कैप्सूल जेपीएल से भेजे जानेवाले संदेशों को ग्रहण करने लगा और उससे सफलतापूर्वक पर्सीवेरेंस निकलकर मंगल ग्रह की सतह पर कार्य करने लगा।
Don’t be fooled: It may seem easy, but there’s nothing routine about landing on Mars. It all comes down to the final seven minutes…
Here’s how you can participate in the #CountdownToMars: https://t.co/lXnsgn7jaK pic.twitter.com/TejPovYUNQ
— NASA's Perseverance Mars Rover (@NASAPersevere) February 12, 2021
19 हजार करोड़ रुपए का है मिशन
जेपीएल में लैंडिंग टीम के हेड अल चेन के अनुसार 2.7 अरब डॉलर यानी करीब 19 हजार करोड़ रुपए का यह मिशन अपने अंतिम चरण में खतरे में पड़ गया था। कुछ मिनट अगर गंवा दिए जाते तो फिर इसका काम करना मुश्किल था। उन्होंने कहा कि इस तरह के कामों में सफलता कभी भी सुनिश्चित नहीं होती और जब 20 करोड़ किलोमीटर दूरी की बात हो तो वह और ज्यादा अनिश्चित हो जाती है। पर्सीवेरेंस अध्ययन करेगा कि मंगल पर तापमान, पानी और ऑक्सीजन की स्थिति कैसी है। यह सब काम वह खुद करेगा और धरती से कोई मदद नहीं की जाएगी।
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साथ ले गया है कई उपकरण
वह बैटरी से चलनेवाले छोटे आकार के एसयूवी जैसा है। वह अपने साथ काम आनेवाले कई उपकरणों को भी ले गया है। उसके पास पत्थर काटने वाली आरी और ड्रिल मशीन भी है। इसके साथ ही वह वहां हवा के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए भी उकरण ले गया है।