कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी और तीन लोगों को शासकीय कार्य में बाधा डालने के मामले मेंएक-एक साल की सजा सुनाई गई है, साथ इन पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को साल 2009 के मामले में यह फैसला सुनाया है।
यह है मामला
कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने वर्ष 2009 में किसानों के नाम पर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। इसका नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कर रहे थे। कांग्रेस नेता कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन देने जा रहे थे। इसी दौरान किसी ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। घटना बलवा में बदल गई थी। दिग्विजय सिंह को भी चोट आई थी। इस मामले में जीतू पटवारी समेत 17 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने पर एफआईआर दर्ज की गई थी। इन पर आईपीसी की धारा 148, 294, 353, 332, 332/149, 323, 323/149 , 506(2), 336, 427 और प्रिवेंशन ऑफ डैमेज टू पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट 1984 के धारा तीन के तहत प्रकरण दर्ज हुआ था।
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न्यायालय ने सुनाई सजा
शनिवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने विधायक जीतू पटवारी, उज्जैन कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र मरमट, जिला पंचायत अध्यक्ष राजगढ़ चंदर सोंधिया और पूर्व विधायक राजगढ़ कृष्णमोहन मालवीय को एक-एक साल के कारावास की सजा सुनाई है। इस दौरान पटवारी खुद कोर्ट में मौजूद रहे। इस मामले में विधायक जीतू पटवारी के वकील अजय गुप्ता ने कहा कि फैसला अभी अक्षरश: पढ़ा नहीं है। इस बात की आशा नहीं थी कि इस तरह का फैसला आएगा। निश्चित हम लोग अपर कोर्ट में अपील करेंगे। विधायकी पर असर नहीं पड़ेगा। अभी जमानत हो गई है।