मैं अभी एनसीपी अध्यक्ष हूंः शरद पवार, बगावत पर होगी कार्रवाई

एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने कहा कि मैं अभी भी पार्टी का अध्यक्ष हूं। लोगों को पता है कि पार्टी मैंने बनाई है। मुझे अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है। मैं पूरे महाराष्ट्र में घूमूंगा और जनता से समर्थन मांगूगा।

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शरद पवार
File Photo

महाराष्ट्र की राजनीति में अप्रत्याशित रूप से आये अचानक बदलाव के बाद एनसीपी के वरिष्ठ नेता शरद पवार ने मीडिया से बात करते कहा कि सरकार में शामिल होने का फैसला अजित पवार का है और किसी ने भी उनसे इस बारे में बात नहीं की।

मैंं अभी भी पार्टी अध्यक्ष हूं
अजित पवार की बगावत पर बोलते एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने कहा कि मैं अभी भी पार्टी का अध्यक्ष हूं। लोगों को पता है कि पार्टी मैंने बनाई है। मुझे अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर पूरा भरोसा है। मैं पूरे महाराष्ट्र में घूमूंगा और जनता से समर्थन मांगूगा। अजित पवार को राज्य की जनता जवाब देगी। 1980 में चुनाव के बाद भी कई विधायकों ने मेरा साथ छोड़ दिया था और मेरे साथ सिर्फ पांच विधायक रह गए थे। इस तरह की बगावत पहले भी देखी है। जो मैंने तब किया था वो मैं दोबारा करके दिखाऊंगा।

बगावत पर होगी कार्रवाई
अजित पवार के नेतृत्व में शिंदे सरकार को समर्थन देने वाले सभी विधायकों पर पार्टी विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रफुल्ल पटेल को मैंने पार्टी का महासचिव बनाया था लेकिन उन्होंने धोखा दिया। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पार्टी विरोधियों को पहले भी मिला है सबक
अपनी पार्टी के भीतर हालिया घमासान के बाबत शरद पवार ने कहा कि मैं इससे बिल्कुल घबराया हुआ नहीं हूं। इस तरह की राजनीतिक घटनाओं का मैं पहले भी सामना कर चुका हूं और सफलता पूर्वक उससे पार भी पाया हूं। पहले भी कई विधायकों ने मेरा साथ छोड़ा। लेकिन मैंने फिर से अपनी पार्टी को खड़ा कर लिया। लेकिन मेरी पार्टी से बगावत करने वालों को जनता ने भी छोड़ दिया। वे सभी अगले चुनाव में ही हार गये।  उसके बावजूद मैंने फिर से पार्टी को खड़ा किया और जो लोग पार्टी छोड़कर गए वो चुनाव हार गए। 2019 के विधानसभा चुनाव के पहले भी ऐसा कहा गया कि मेरे लोग छोड़कर जा रहे हैं लेकिन मैंने पार्टी को बनाया और 2014 के मुकाबले 2019 में एनसीपी के ज्यादा विधायक बने।

घटना के पीछे ईडी का डर
एनसीपी नेता शरद पवार ने राज्य की हालिया राजनीतिक उठा-पटक के बाबत कहा कि इसके पीछे केंद्र सरकार द्वारा संचालित ईडी का भय काम कर रहा है। एनसीपी से बगावत करके अजित पवार के साथ जितने लोग भी मंत्री बने हैं, उनके चेहरों पर भय की झलक साफ देखी गयी। क्योंकि उनके खिलाफ ईडी के केस चल रहे हैं।

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