महाराष्ट्र में सियासी खेल के बाद विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष को लेकर महाविकास आघाड़ी में मतभेद उभर गया है। कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष पर दावा किया है। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष नियुक्ति कर अधिकार उनके पास है, वे संवैधानिक नियमों के तहत इस पद पर नियुक्ति करेंगे।
अजीत पवार ने दिया है इस्तीफा
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नौ विधायकों के मंत्री पद की शपथ लेने के बाद राज्य में राजनीतिक हलचलें बढ़ गई हैं। इससे पहले विधानसभा में अजीत पवार नेता प्रतिपक्ष थे, लेकिन उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पद से इस्तीफा देकर 3 जुलाई को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। इसके बाद 2 जुलाई को ही देर शाम राकांपा प्रदेश अध्यक्ष ने जीतेंद्र आव्हाड को पार्टी की बैठक के बाद जीतेंद्र आव्हाड को विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष पद पर और चीफ व्हिप पर नियुक्त करने का निर्णय लिया।
कांग्रेस नेता ने दिखाया आईना
3 जुलाई को कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री बालासाहेब थोरात ने कहा कि विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष संख्या के आधार पर तय किया जाता है। वर्तमान समय में कांग्रेस पार्टी के पास ही नेता प्रतिपक्ष के लिए संख्या बल है। शिवसेना और राकांपा के अधिकांश विधायक पार्टी छोडक़र चले गए हैं, इसलिए उनके पास विधायकों की संख्या कम हो गई है। इस संबंध में संवैधानिक तरीके से निर्णय लिया जाएगा। इस तरह विधानसभा अध्यक्ष को लेकर महाविकास आघाड़ी में मतभेद उभर गया है। इस मुद्दे पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
नौ विधायकों को अपात्र ठहराने की याचिका दायर
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि उनके पास राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने नौ विधायकों को अपात्र करने की याचिका दाखिल की है। अभी तक उन्होंने इस याचिका को नहीं देखा है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त करने का अधिकार अध्यक्ष को है। इस बारे में संवैधानिक नियमों के तहत वे जल्द ही निर्णय लेंगे।