गुरु पूर्णिमा: आश्रम-मठ सहित कई स्थानों पर किया गुरु पूजन

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सनातन धर्म संस्कृति व साधक जीवन का मुख्य पर्व गुरु पूर्णिमा महोत्सव सोमवार को श्रद्धा-भक्ति के माहौल में धूमधाम से मनाया गया। सूर्यनगरी की विभिन्न गुरुपीठों व आश्रमों में व्यास पीठ पूजन किया गया। इस दौरान कई जगह पर भजनों और फूलमंडली का आयोजन करने के साथ गुरु पूर्णिमा की प्रसादी का आयोजन भी किया गया।

अखिल भारतीय सैन भक्ति पीठ की ओर सैनाचार्य अचलानंदगिरि के सान्निध्य में रातानाडा माहेश्वरी भवन में गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दौरान सामाजिक सरोकार के तहत लोगों को नशा छोडऩे और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प दिलाया गया। सैनाचार्य के प्रतिनिधि रघुवीर सिंह भदावत ने बताया कि गुरु पूर्णिमा महोत्सव के दूसरे दिन माहेश्वरी जनपयोगी भवन में सोमवार सुबह रक्तदान किया गया। दो दिवसीय धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रम के तहत गुरु पादूका पूजन, हवन, गुरु दीक्षा, अभिषेक, सम्मान समारोह, गुरु पूजन सहित अनेक धार्मिक कार्यक्रम हुए। सूरसागर स्थित बड़ारामद्वारा में गुरु पूर्णिमा उत्सव महन्त डॉ. रामप्रसाद के सानिध्य में मनाया गया। रामद्वारा में गादी, देवल, समाधि पूजन व गुरुपूजन के लिए मारवाड़ सहित देश के विभिन्न शहरों से श्रद्धालु जोधपुर पहुंचे।

गुरु और शिष्य के इस पावन पर्व पर शहर के अजनेश्वर आश्रम, दादा दरबार सिद्धनाथ, परमहंस किशनागिरी खरज आश्रम, मंडोर शंकर मठ, रामद्वारा में श्रद्धालुओं की भीड़ रही। शिष्यों ने अपने गुरु के चरण अभिषेक कर उनका पूजन किया और आशीर्वाद प्राप्त किया। गुरुजनों का शॉल ओढ़ाकर और श्रीफल देकर सम्मान भी किया गया। शिष्यों ने गुरु को प्रणाम कर उनके प्रति कृतज्ञता जताई। वही कई युवाओं ने आश्रमों में जाकर गुरु बनाकर गुरु मंत्र भी लिया। सिद्धनाथ पीठ में नारायण स्वामी, नेपाली बाबा सहित तमाम गुरुजनों की समाधिओं पर फूल मंडली की गई और आरती हुई। इसी तरह शहर के अजनेश्वर आश्रम में भक्तों ने शांतेश्वर महाराज का पूजन किया। श्रद्धालुओं ने गुरु चरणों में मन वचन कर्म से नमन किया। ओल्ड कैंपस के सामने स्थित श्री पीपलेश्वर महादेव मंदिर में मंदिर सत्संग समिति की ओर से मंदिर के महंत और संस्थापक श्रीधरगिरी महाराज के सान्निध्य में गुरु पूर्णिमा पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर पं. शिवसागर शास्त्री द्वारा सुबह ब्रह्मलीन महंत महादेवगिरी, महंत शिवचेतनगिरी, महंत सेवागिरी और महंत देवगिरी महाराज का विधिवत गुरु सिद्ध समाधि पूजन, अभिषेक, गुरु पूजन, दीक्षा और प्रसादी का आयोजन हुआ। इस दौरान मंदिर समिति के शशिकांत तिवाड़ी, पंकज जांगिड़, मंजू डागा, प्रियंका बोराणा आदि ने सेवाएं प्रदान की।

नागौरी गेट के बाहर स्थित राममौहल्ला रामद्वारा के हेम सत्संग वाटिका परिसर में गुरु पूर्णिमा उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर सुबह चरण पादूका व निज मंदिर आरती के पश्चात दोपहर में भजन संध्या का आयोजन हुआ जिसमें भजन गायक रामकिशोर दाधीच, पंकज जांगिड़, संजय पंचारिया, चिंटू दाधीच, पुष्पा चौधरी और गीता मेवाड़ा ने भजनों की सरिता प्रवाहित की। सिवांची गेट सोहमगढ़ स्थित सतगुरु देव सोहम आश्रम में सोमवार को आश्रम के भक्तों की ओर से गुरु पूर्णिमा उत्सव का आयोजन हुआ। आश्रम के प्रवक्ता सुमनेश व्यास ने बताया कि इस अवसर पर सुबह सतगुरु देव भगवान की पूजा अर्चना, प्रसादी और हरिकीर्तन का आयोजन हुआ। सूरसागर गेंवा गांव में कनावतों का बास स्थित काहवां काशी धाम गोगाजी महाराज आश्रम में आश्रम की गादीपति साध्वी सीमा किशोरी महाराज के सान्निध्य में गुरु पूर्णिमा पर्व श्रद्धापूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम संयोजक प्रेमसिंह सोलंकी ने बताया कि इस अवसर पर दिनभर गुरु पूजन, भजन गायिका मंजू डागा एंड पार्टी द्वारा संकीर्तन और महाप्रसादी का आयोजन हुआ।

जेल के बाहर उमड़े आसाराम समर्थक
अपने ही गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से यौन शोषण करने के आरोप में जेल में ताउम्र सजा काट रहे आसाराम को जेल हो जाने बावजूद उनके प्रति अभी तक उनके समर्थकों में उत्साह कम नहीं हो पाया है। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर देश के विभिन्न हिस्सों से रविवार को ही उनके समर्थक जोधपुर पहुंच गए थे। वे कल शाम से ही जेल के बाहर एकत्र होने लगे। हालांकि हर वर्ष के समान इनके आने की संभावना को ध्यान में रख पहले से पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। पुलिस ने वहां पर आसाराम के समर्थकों को ज्यादा देर तक खड़ा नहीं रहने दिया। सभी समर्थकों ने जेल की दीवार पर आसाराम की तस्वीर लगा पूजा की।

कुछ उत्साही समर्थकों ने जेल के मुख्य गेट पर तस्वीर लगाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। समर्थकों की संख्या बढऩे पर पुलिस ने पूजा कर चुके लोगों को वहां से रवाना कर दिया। जेल प्रशासन ने किसी समर्थक को आसाराम से मिलने नहीं दिया, लेकिन जेल के बाहर शांतिपूर्वक पूजा-अर्चना कर रहे समर्थकों को पुलिस ने रोका भी नहीं। समर्थकों ने बारी-बारी से वहां पूजा अर्चना कर जेल के गेट की तरफ दंडवत प्रणाम किया। कई लोगों ने जेल प्रहरियों से आसाराम से मुलाकात कराने का आग्रह किया, जिसे स्वीकार नहीं किया गया।

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