जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि श्रीनगर में जी-20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक के बाद प्रदेश में विदेशी पर्यटकों के आगमन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है और आने वाले महीनों में यह आंकड़ा और बढ़ने वाला है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के भूमिहीन परिवारों के लिए पांच मलरा भूमि की भी घोषणा की और कहा कि लगभग दो लाख बेघर परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (योजना) के तहत यूटी में घर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
गेम चेंजर बनी जी-20 बैठक
श्रीनगर राजभवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि इस साल 22 मई से 25 मई तक श्रीनगर में हुई सफल जी-20 बैठक जम्मू-कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र के लिए गेम चेंजर साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि जी-20 बैठक में भाग लेने वाले एक अच्छा संदेश लेकर अपने-अपने देश वापस गए हैं। जी-20 बैठक के बाद हमने जम्मू-कश्मीर में विदेशी पर्यटकों के आगमन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है। आने वाले महीनों में यह संख्या और बढ़ने वाली है। उपराज्यपाल ने आगे कहा कि श्रीनगर तेजी से अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों के केंद्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि पहली बार भारतीय औषधि प्रणाली, इंजीनियर एसोसिएशन, चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशन और सुप्रीम कोर्ट के 18 न्यायाधीशों ने हाल ही में श्रीनगर में विभिन्न बैठकों में भाग लिया।
अब तक 2711 भूमिहीन परिवारों को दी जमीन
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम आवास योजना की घोषणा की थी और जम्मू-कश्मीर इसमें पीछे नहीं रह सकता। उपराज्यपाल ने कहा कि प्रशासनिक परिषद , राजस्व और ग्रामीण विकास विभाग के साथ इस मुद्दे पर चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि जम्मू-कश्मीर के भूमिहीन परिवारों को 5 मलरा भूमि दी जाएगी। अब तक 2711 भूमिहीन परिवारों को जमीन दी जा चुकी है और शीघ्र ही अन्य परिवारों को भी इसमें शामिल किया जाएगा। इसी तरह जहां तक बेघर परिवारों का सवाल है कुल 1,99,550 परिवारों की पहचान की गई है और 21 जून तक 1,44000 परिवारों को मंजूरी दे दी गई है जबकि शेष को भी कवर किया जाएगा।
उपराज्यपाल ने कहा योजना में किसी जाति और धर्म का पालन नहीं किया जा रहा है उचित पात्रता मानदंड का पालन किया जा रहा है। जो भी पात्र है उसे कवर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भूमिहीनों को भूमि और बेघरों को घर उपलब्ध कराना एक क्रांतिकारी कदम है। एक बार जब किसी गरीब व्यक्ति को घर मिल जाएगा, तो वह आजीविका कमाने और अपने बच्चों को स्कूल भेजने के बारे में सोचेगा। उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को उनके संबंधित पंचायत में ही जमीन व आवास दिये जा रहे हैं।
सुरक्षा के बीच हो रही अमरनाथ यात्रा
अमरनाथ यात्रा के बारे में उन्होंने कहा कि उचित सुरक्षा व्यवस्था के बीच दोनों ट्रैक पर यात्रा सुचारु रूप से चल रही है। उन्होंने कहा कि कचरे की सफाई के लिए 4000 सफाई कर्मचारी तैनात हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि स्थानीय लोगों को कम से कम असुविधा का सामना करना पड़े। वीआईपी मूवमेंट के दौरान लोगों की असुविधा के बारे में उपराज्यपाल ने कहा कि लोग सामान्य स्थिति महसूस कर रहे हैं और आने वाले महीनों में लोग और अधिक सामान्य स्थिति से महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में यातायात प्रबंधन सुव्यवस्थित कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहली बार कश्मीर आने वाले तीर्थयात्री को समय आदि की जानकारी नहीं होती है और वह यातायात में फंस जाता है और सुरक्षा बल उसे रोक देते हैं। इसलिए एक यातायात विनियमन योजना पर काम किया जा रहा है जिसे अगले दो दिनों में लागू किया जाएगा।