भारतीय जनता पार्टी मिशन लोकसभा चुनाव 2024 में पूरे जोर-शोर से जुट गई है। इसी रणनीति के तहत 4 जुलाई को चार राज्यों के पार्टी मुखिया बदल दिए गए। इसके बाद पार्टी अब छह और राज्यों में भी नए अध्यक्ष बनाए जाने की दिशा में सक्रिय है। इन राज्यों में कर्नाटक, गुजरात, केरल, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और मध्य प्रदेश शामिल हैं।
इनके नामों पर चर्चा
प्राप्त जानकारी के अनुसार कर्नाटक में शोभा करंदलाजे या अस्वथ नारायण को पार्टी प्रमुख बनाया जा सकता है। केरल में वी मुरलीधरन तो गुजरात में मनसुख मंडविया के साथ ही पुरुषोत्तम रूपाला के नाम की चर्चा है। हरियाणा में कृष्णपाल गुज्जर के साथ ही विलास शर्मा के नाम की भी चर्चा है। जम्मू-कश्मीर में डॉ. जितेंद्र सिंह और सांसद जुगुल किशोर रेस में हैं। मध्य प्रदेश में नरेंद्र सिंह तोमर और प्रह्लाद पटेल दौड़ में बताए जा रहे हैं। हालांकि भाजपा में नामों पर मंथन अभी भी जारी है।
चार राज्यों के नये पार्टी मुखिया नियुक्त
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी ने 4 जुलाई को चार राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति की। इनमें चुनावी राज्य तेलंगाना भी शामिल है। इसे वर्ष के अंत में प्रमुख राज्यों के चुनाव और 2024 में लोकसभा चुनाव से पहले संगठनात्मक बदलाव की पहली लहर के रूप में देखा जा रहा है। आने वाले दिनों में संगठन में बदलाव के साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी फेरबदल की उम्मीद है।
इन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी
4 जुलाई को घोषित बदलावों में केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को तेलंगाना में राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जबकि ईटेला राजेंदर को चुनाव प्रबंधन समिति का प्रभार दिया गया है। पंजाब में, अश्वनी शर्मा की जगह पूर्व कांग्रेसी और राज्य इकाई प्रमुख सुनील जाखड़ ने ले ली है। वे पंजाब के सीएम पद के लिए नजरअंदाज किए जाने पर सार्वजनिक विरोध के बाद मार्च 2022 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। यूपीए सरकार में पूर्व मंत्री डी पुरंदेश्वरी को आंध्र प्रदेश इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, जहां भाजपा आक्रामक रूप से अपना विस्तार करने की कोशिश कर रही है। वह सोमू वीरजू की जगह लेंगे। झारखंड में भाजपा पिछला विधानसभा चुनाव हारने के बाद एक टीम बनाने के लिए संघर्ष कर रही है। इस प्रदेश में पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
मंत्रिमंडल में फेरबदल के संकेत
रेड्डी की नियुक्ति से संकेत मिलता है कि केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल होने वाला है। ऐसी अटकलें हैं कि 2024 के आम चुनावों से पहले जाति और क्षेत्रीय आकांक्षाओं को संतुलित करने के लिए केंद्रीय मंत्रिपरिषद में नए चेहरों को शामिल किया जाएगा। दिल्ली में पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “आखिरी फेरबदल 2021 में हुआ था। पार्टी युवा और नए चेहरों को मौका देने की प्रथा का भी पालन करती है ताकि नया नेतृत्व उभर कर सामने आए।”