खालिस्तान की आग लगानेवाले गुरपतवंत सिंह पन्नू के मारे जाने की सूचना है। अमेरिका में छुपकर रह रहा पन्नू कार दुर्घटना में मारा गया है, ऐसी सूचनाएं मिली हैं। पिछले दो महीनों में तीन खालिस्तानी आतंकियों की मौत होने के बाद पन्नू छुपा हुआ था।
खालिस्तान के नाम पर विदेश में रहनेवाले सिखों को भड़काकर भारत में आतंक को पुनर्जीवित करने का काम नौ से दस खालिस्तानी आतंकियों ने संभाला हुआ था। उसमें से एक था गुरपतवंत सिंह पन्नू। पन्नू का लिंक पाकिस्तान की गुप्तचार एजेंसी आईएसआई से भी रहा है। पन्नू को भारत में एनआईए ने वांछित आतंकियों की श्रेणी में डाला हुआ था।
दो महीने में चार ढेर
खालिस्तान के नाम भारत के विरुद्ध आतंकी षड्यंत्र रचनेवाले चार आतंकी पिछले दो महीने में किसी न किसी कारण मौत के शिकार हुए हैं। इसमें गुरपतवंत सिंह पन्नू के अलावा हरदीप सिंह निज्जर, अवतार सिंह खांदा और परमजीत सिंह पंजवर का नाम है। हरदीप सिंह निज्जर, अवतार सिंह खांदा और परमजीत सिंह पंजवर की मौत के बाद गुरपतवंत सिंह पन्नू छुपकर रहने लगा था। बुधवार को ही कनाडा में सिखों को वरगलाकर जनमत संग्रह कराने की नौटंकी की जा रही थी और दूसरी ओर अमेरिका में गुरपतवंत सिंह पन्नू को नियति ने उसके कर्मों की सजा दे दी।
पंजाब में जन्मा
गुरपतवंत सिंह पन्नू का जन्म अमृतसर-जंडियाला गुरु जीटी रोड पर बसे कस्बा दबूरजी के अंतिम छोर पर बसे खानकोट गांव में हुआ था। उसके पिता महिंदर सिंह विभाजन के समय पाकिस्तान से आए थे। महिंदर सिंह ‘मार्कफैड’ में नौकरी करते थे। उनके दो पुत्र थे जिसमें गुरपतवंत सिंह पन्नू और मंगवंत सिंह, दोनों ही वर्षों पहले विदेश चले गए थे। यहां से गुरपतवंत सिंह भारत के विरुद्ध अवैध गतिविधियां संचालित करता था। गुरपतवंत सिंह अमेरिका में रहता था, न्यूयॉर्क में लॉ ऑफिस चलाता था, जहां से भारत के विरुद्ध अवैध गतिविधियों संचालित होती रही हैं।
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आईएसआई की कठपुतली
गुरपतवंत सिंह पन्नू पाकिस्तान द्वारा भारत के विरुद्ध चलाए जा रहे आतंकी अभियान का एक हिस्सा था। पन्नू जर्मनी में रहनेवाले आतंकी गुरमीत सिंह बग्गा का खास था। बग्गा लाहौर में रहनेवाले रंजीत सिंह नीता को ड्रोन और अन्य संसाधन उपलब्ध कराता है, जिसके माध्यम से पंजाब में हथियार, मादक पदार्थ पहुंचाए जाने की घटनाएं होती रहती हैं। सूत्रों के अनुसार इस नेटवर्क में पंजाब के स्थानीय अपराधियों को पैसा, मादक पदार्थ और हथियार देकर शामिल कर लिया गया है। स्थानीय अपराधी मादक पदार्थ और हथियार बेचकर जो धन प्राप्त करते हैं उसका उपयोग खालिस्तानी एजेंडा को चलाने के लिए किया जाता है।
सिख फॉर जस्टिस का संचालक
गुरपतवंत सिंह पन्नू सिख फॉर जस्टिस नामक संगठन चलाता था। वह अपने आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ के माध्यम से ‘रेफेरेंडम 2020’ लंदन घोषणापत्र जारी किया था। इसमें वैश्विक रूप से सिखों का एक गैर बाध्यकारी जनमत (रेफेरेंडम) कराने की घोषणा की गई, जिसके माध्यम से पंजाब को भारत से अलग करने का षड्यंत्र रचा गया था। हालांकि, यह जमीनी स्तर पर फेल हो गया।