लाजपत नगर बम ब्लास्टः 4 दोषियों को उम्रकैद

कोर्ट ने बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपित मोहम्मद नौशाद की उम्रकैद की सजा को बहाल रखा है। इस मामले में जिन दो दोषियों मोहम्मद अली भट्ट और मिर्जा निसार को बरी किया गया था, उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों को तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया है।

178

सर्वोच्च न्यायालय ने 1996 में दिल्ली के लाजपत नगर बम ब्लास्ट के दो आरोपितों को मिली उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने दो दूसरे आरोपितों को, जिन्हें मौत की सजा मिली थी, उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

कोर्ट ने बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपित मोहम्मद नौशाद की उम्रकैद की सजा को बहाल रखा है। इस मामले में जिन दो दोषियों मोहम्मद अली भट्ट और मिर्जा निसार को बरी किया गया था, उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों को तुरंत सरेंडर करने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने जावेद खान की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है।

इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने दोषी मोहम्मद नौशाद, जावेद खान, मोहम्मद अली भट्ट और मिर्जा निसार हुसैन को मौत की सजा सुनाई थी। बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने 2012 में मोहम्मद नौशाद और जावेद खान की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था जबकि मोहम्मद अली भट्ट और मिर्जा निसार को जांच में कमी के कारण बरी कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि 21 मई, 1996 को दिल्ली के लाजपत नगर की सेंट्रल मार्केट में बम ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 13 लोगों की मौत हुई थी और 38 लोग घायल हुए थे। इस मामले में नौशाद समेत जेकेएलएफ के छह सदस्यों को मौत की सजा सुनाई गई थी। नौशाद को 14 जून, 1996 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से विस्फोटकों के साथ गिरफ्तार किया गया था।

यह भी पढ़ें- ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम नहीं चलेगा आतंकवाद’, खालिस्तानियों की धमकी पर भारत का कड़ा रुख

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.