राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता प्रफुल्ल पटेल ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में बुलाई गई शरद पवार की पार्टी की बैठक अनधिकृत थी। असली राकांपा हमारे साथ है। उन्होंने चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष को इस संबंध में सूचित कर दिया है। प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि शरद पवार को किसी को भी निलंबित करने का अधिकार ही नहीं है।
प्रफुल्ल पटेल ने मुंबई में पत्रकारों को बताया कि 30 जून को उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के आवास पर राकांपा कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में उपस्थित जनप्रतिनिधियों और पदाधिकारियों ने मेरा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर चुनाव किया । इसके बाद सभी विधायकों ने अजीत पवार को विधायक दल का नेता चुना। इसी तरह विधानसभा में अनिल पाटिल को और विधान परिषद में अमोल मिटकरी को चीफ व्हिप नियुक्त किया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मैंने इसकी जानकारी चुनाव आयोग और विधानसभा अध्यक्ष को दे दी थी। इसके बाद हमने चुनाव आयोग को जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों के प्रतिज्ञापत्र भी सौंपे हैं। इसके बाद जयंत पाटिल पार्टी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष ही नहीं रहे लेकिन जयंत पाटिल ने नौ विधायकों को अपात्र करने की याचिका दाखिल की है। इसका कोई अर्थ ही नहीं है। जब मामला चुनाव आयोग के पास है तो जब तक इसका निर्णय नहीं आ जाता, तब तक किसी को फिर से कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है।
प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि कोई भी पार्टी नियमों के अनुसार चलती है। राकांपा में पिछले कई वर्षों से संगठनात्मक चुनाव नहीं हुआ है। साथ ही पदों पर मनोनीत किया जाता रहा है। किसी भी राजनीतिक पार्टी में पदाधिकारियों का चुनाव होना चाहिए, मनोनीत नहीं किया जाना चाहिए। अब मामला चुनाव आयोग के पास है। चुनाव आयोग नियमों के आधार पर निर्णय करने वाला है।
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