खालिस्तानी आतंकियों पर ब्रिटेन से कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। इस संदर्भ में भारतीय सुरक्षा सलाहकार और ब्रिटेन के उनके समकक्ष के बीच चर्चा हुई है। भारत की ओर से कहा गया है कि, खालिस्तानी आतंकी भारतीय उच्चायोग के कर्मियों को धमका रहे हैं। इस पर निर्णायक कदम उठाए जाएं।
खालिस्तानी आतंक को लेकर भारत अब विदेशी भूमि पर कड़े कदम उठा रहा है। इसके अंतर्गत भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोभाल ने ब्रिटेन के अपने समकक्ष टिम बोरो से बात की। इसमें तीन मुद्दों पर जोर दिया गया है, जिसमें खालिस्तानियों पर कानूनी कार्रवाई, खालिस्तानी आतंकियों का प्रत्यर्पण और भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों की सुरक्षा है। यह बातें ‘इंडिया यूके स्ट्रेटेजिक डायलाग’ के अंतर्गत हुई हैं।
आतंक समाप्ति पर साथ कार्य
भारत और ब्रिटेन के अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में उग्रवाद और कट्टरवाद का समाज में कोई स्थान न होने की बात पर दोनों देशों ने सहमति व्यक्त की। दोनों देश आतंकवाद रोकने, टेरर फाइनेन्सिंग रोकने, आतंकवादी गतिविधियों के लिए इंटरनेट का दुरुपयोग रोकने, कट्टरवाद-विरोधी और मादक पदार्थों की तस्करी रोकने पर साथ कार्य करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। यह सहयोग महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग, पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए जारी रहेगा।
मित्र देशों से अपील
भारत और ब्रिटेन के बीच हुई बैठक उस समय हुई है, जब खालिस्तानी समूहों से संबद्ध आतंकी गुट पोस्टर और सोशल मीडिया के माध्यम से भारतीय उच्चायोग के विरुद्ध हिंसा भड़काने का कार्य कर रहे हैं। ऐसी आतंकी गतिविधियां अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में हुई हैं। खालिस्तानी आतंकी समूह और उनके सहयोगी आतंकियों की 8 जुलाई को रैली भी प्रायोजित हैं। इसको लेकर भारत ने अपने मित्र देशों से स्पष्ट कहा है कि, भारती विरोधी खालिस्तानी आतंकी गतिविधियों को स्थान न दिया जाए।
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