लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों की एकजुटता को लेकर राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने बड़ा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों के बीच विधानसभा चुनाव में यूपी में सपा के साथ गठबंधन के चलते पार्टी को भारी नुकसान होने की बात कही है। उन्होंने आने वाले लोकसभा चुनाव में गठबंधन के समझौते में 12 सीटों पर रालोद के मजबूत होने और चुनाव लड़ने का दावा किया है।
रालोद के प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश की राजनिति में हलचल तेज हो गई है। समझा जा रहा है रालोद ने लोकसभा चुनाव 2024 से पहले समाजवादी पार्टी से अलग होने का मन बना लिया है।
लोकसभा चुनाव में 12 सीटों पर दावा
रालोद प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने आगामी 2024 के चुनाव में उत्तर प्रदेश की 12 लोकसभा सीटों पर अपना दावा ठोंका है। उन्होंने कहा कि आरएलडी को गठबंधन में 12 सीटें चाहिए। आरएलडी 12 लोकसभा सीटों पर तैयारी में जुटी हुई है। जिन सीटों पर पार्टी मजबूत स्थिति में हैं उन पर गठबंधन के तहत उम्मीदवार को उतारा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा जनाधार बढ़ा है, अब 12 लोकसभा से कम सीटों पर काम नहीं चलेगा।
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सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से रालोद को नुकसान
रामाशीष राय ने सपा-रालोद गठबंधन पर सवाल उठाया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने से रालोद को खासा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़े और हमारी पार्टी की राज्यस्तरीय मान्यता चली गई। उन्होंने कहा कि पिछली बार हमने कम सीटों पर चुनाव लड़ा था। जिस वजह से हमारी मान्यता चली गई।
क्या भाजपा के साथ जाएगा रालोद?
प्रदेश अध्यक्ष रामाशीष राय ने जयंत चौधरी के ट्वीट ”चावल ही खाना है तो खीर खाओ” को लेकर कहा कि राजनीति में संभावना से इंकार नहीं कर सकते। पश्चिम में 12 सीटों पर आरएलडी मजबूत है। राज्य स्तरीय दर्जे के लिए छह लोकसभा सीटें जितनी है।