वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ 8 जुलाई की देर रात इंदौर के तुकोगंज थाना में आपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ है । सिंह के विरुद्ध यह प्रकरण अधिवक्ता राजेश जोशी ने दर्ज कराया है। इसमें सिंह पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छवि धूमिल कर बदनाम करने और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया है। उज्जैन में भी दिग्विजय के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज की गई है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि दिग्विजय सिंह ने एक पोस्टर शेयर किया था। उसमें यह दावा किया गया है कि संघ के द्वितीय सरसंघचालक गोलवलकर द्वारा एक बार कहा गया था, “मैं सारी जिंदगी अंग्रेजों की गुलामी करने के लिए तैयार हूं लेकिन जो दलित, पिछड़ों और मुसलमानों को बराबरी का अधिकार देती हो, ऐसी आजादी मुझे नहीं चाहिए। ” पोस्टर को शेयर करते हुए दिग्विजय ने लिखा, “गुरु गोलवलकर के दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों के लिए और राष्ट्रीय जल, जंगल और जमीन पर अधिकार पर क्या विचार थे, जरूर जानिए।”
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आरएसएस का आरोप
द्वितीय सरसंघचालक गोलवलकर की तस्वीर अनर्गल बातों के साथ पोस्ट करने से संघ स्वयंसेवकों में दिग्विजय सिंह के खिलाफ भारी नाराजगी है। इस पर रास्वसंघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख की प्रतिक्रिया भी सामने आ चुकी है। सुनील आम्बेकर ने इसके जवाब में एक ट्वीट किया । उन्होंने ट्वीट में कहा, “गोलवलकर गुरुजी के संदर्भ में यह ट्वीट तथ्यहीन है और सामाजिक विद्वेष उत्पन्न करने वाला है। संघ की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से यह झूठा फोटोशॉप्ड पोस्टर बनाया गया है। गुरुजी ने कभी भी ऐसे नहीं कहा। उनका पूरा जीवन सामाजिक भेदभाव को खत्म करने में लगा रहा।”