दक्षिण कश्मीर के हिमालयी क्षेत्र में स्थित अमरनाथ मंदिर की यात्रा खराब मौसम की वजह से बार-बार स्थगित हो रही है। रामबन के आगे सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। बावजूद इसके तीर्थयात्रियों का उत्साह किसी भी स्थिति में कमजोर नहीं पड़ रहा।
किसी भी स्थिति में बाबा बर्फानी के दर्शन करना चाहते हैं तीर्थयात्री
रामबन में भूस्खलन और सड़क धंस जाने से तीर्थयात्रियों को जम्मू के आधार शिविर में ही रोका जा रहा है। जो तीर्थयात्री अपने वाहनों से सीधे आ रहे हैं, उन्हें उधमपुर से आगे नहीं जाने दिया जा रहा। भगवान शिव के भक्त किसी भी तरीके से आगे बढ़ना चाहते हैं। वह मान मनौवल और चिरौरी तक कर रहे हैं।
कई तरह की परेशाानियां
तीर्थयात्रियों के मन में बस यही एक संकल्प है कि एक बार बाबा बर्फानी ने बुला लिया है तो हम उनके दर्शन करने का हर संभव जतन करें। प्रशासन की मुश्किल यह है कि भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। सड़क पर बार-बार पत्थर गिर रहे हैं। लोगों की सुरक्षा अधिकारियों के लिए बड़ी चिंता है। दूसरी चिंता यह है कि जो दल श्री अमरनाथ यात्रा मार्ग पर निकला हुआ है, उनकी किसी तरह सुरक्षित वापसी हो जाए।
प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती
बीच मझधार में उनके लिए आवश्यक संसाधन जुटाना भी प्रशासन के लिए भगीरथी चुनौती है। इस सबके चलते पुलिस प्रशासन लोगों को लगातार समझा रहा है। बार-बार यही अनुरोध कर रहा है कि आप जहां हैं, जैसे हैं, वहीं रहें। सुरक्षित रहें। आगे बढ़ने की कोशिश न करें, क्योंकि अभी कुछ तय नहीं है कि यात्रा पूरी तरह से कितने दिन में बहाल होगी। उसमें एक दिन का समय भी लग सकता है और दो दिन का भी।
ग्राम पंचायत चुनाव के बाद भी बंगाल में हिंसा जारी, अब टीएमसी पर लगे ये आरोप
स्थिति सामान्य होने का इंतजार
मगर तीर्थयात्रियों के मन में बेचैनी यह है कि जल्दी से जल्दी स्थिति सामान्य हो और वो अपने भोले बाबा के दर्शन कर सकें। इस बीच ऊपरी क्षेत्रों में लगातार तीन दिन से बरसात हो रही है। इससे चिनाब नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अमरनाथ यात्रा जिस दिन पहली बार स्थगित हुई, उसी दिन भूस्खलन की जद में चार लोग आ गए और वह चिनाब नदी में समा गए। उनका अब तक कोई पता नहीं चल सका है।
यात्रा प्रारंभ कराने के लिए प्रार्थना
छह हजार तीर्थयात्रियों का दल 8 जुलाई से रामबन में रुका हुआ है। वह भोलेनाथ से लगातार प्रार्थना कर रहे हैं कि यात्रा फिर प्रारंभ कराएं। आधार शिविरों में भगवान शंकर के भक्त अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। प्रशासन बार-बार अपील जारी कर रहा है कि यात्रा जब तक स्थगित है तब तक आप आगामी कोई योजना न बनाएं। हिमालयी क्षेत्र में 3,888 मीटर ऊंचे गुफा मंदिर की 62 दिवसीय वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा पहली जुलाई को अनंतनाग जिले के पहलगाम और गांदरबल जिले के बालटाल से शुरू हुई थी। यह यात्रा 31 अगस्त को संपन्न होनी है।