केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि निरंतर अभ्यास करते रहने से रास्ते मिलते है । भारत जो रास्ता बनाएंगा, वह दुनिया का मार्ग प्रशस्त करने वाला रास्ता हो सकता है, तो इस वैश्विक अपेक्षा पर भी हम सब लोगों को खरा उतरने की आवश्यकता है। कृषि बढ़े, कृषि में मुनाफा बढ़े, उत्पादन व उत्पादकता बढ़े, निर्यात भी बढ़े, यह सब हमारी आवश्यकता है लेकिन साथ ही जरूरत है कि कृषि में कार्य करने वाले इस क्षेत्र में रूके रहें और भविष्य की पीढ़ियां भी कृषि के प्रति आकर्षित हों। जैसे-जैसे टेक्नालाजी का प्रवेश होगा, रोजगार के अवसर भी कृषि बढ़ाएंगी। देश की बड़ी आबादी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले खेतीहर व अन्य लोग, इसलिए हमारे विमर्श में यह होना चाहिए कि कृषि टेक्नालाजी, अन्य सुविधाओं के माध्यम से रोजगारोन्मुखी हों।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग (डेयर), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) द्वारा आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित करते तोमर ने कहा कि आज जलवायु परिवर्तन की चर्चा हो रही है, जिसके साथ आने वाली चुनौतियों का भी विश्लेषण करते हुए, इनके समाधान का रास्ता पहले से तय कर सकेंगे तो आगे सुविधा हो जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तकनीक-डिजिटलाइजेशन का उपयोग करते हुए हमारा सामर्थ्य ऐसा होना चाहिए कि केंद्र या राज्य, कोई भी सरकार हो, वह कृषि के किसी भी मामले में अनुत्तरित नहीं रहें।
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