भारत (India) को सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग (Semiconductor Manufacturing) हब बनाने की सरकार की कोशिशों और अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) के वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) को बड़ा झटका लगा है। ताइवान की दिग्गज कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) ने भारत में वेदांता के साथ सेमीकंडक्टर संयुक्त उद्यम से बाहर निकलने का फैसला किया है। कंपनी ने सोमवार (10 जुलाई) को एक बयान में यह जानकारी दी। माननीय हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप ने कहा कि वह सेमीकंडक्टर उद्यम से फॉक्सकॉन नाम हटाने की कोशिश कर रहा है।
कंपनी ने कहा, ”फॉक्सकॉन का इस इकाई से कोई संबंध नहीं है। मूल नाम बरकरार रखने से भावी शेयरधारकों के लिए भ्रम पैदा होगा। इसमें करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश होना था।
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एक बयान में, फॉक्सकॉन ने कहा कि उसने व्यापक विविधीकरण के अवसरों को पारस्परिक रूप से तलाशने के लिए वेदांता के साथ संयुक्त उद्यम को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। बयान के अनुसार, होन हाई टेक्नोलॉजी ग्रुप (फॉक्सकॉन) और वेदांता ने सेमीकंडक्टर के विचार को वास्तविकता बनाने के लिए पिछले साल कड़ी मेहनत की।
कंपनी ने इसे अच्छा अनुभव बताते हुए कहा कि इससे भविष्य में दोनों कंपनियों को मदद मिलेगी। बयान में कहा गया है, ”फॉक्सकॉन भारत में सेमीकंडक्टर विकास की दिशा को लेकर आशावादी है। हम सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल का पुरजोर समर्थन करना जारी रखेंगे।”
राजीव चंद्रशेखर ने क्या कहा?
इसे मामले में देश के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आधिकारिक बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माता फॉक्सकॉन के वेदांता संयुक्त उद्यम से बाहर निकलने के फैसले का भारत के सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट लक्ष्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
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