महाराष्ट्र देश का उन्नत राज्य है। यहां की राजधानी मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है लेकिन यहां से 550 किलोमीटर की दूरी पर उन्नति दम तोड़ देती है। अर्थ फेल हो जाता है और अपने इलाज के लिए एक बुजुर्ग को नाती की पीठ पर चढ़कर जाना पड़ता है। ये घटना परभणी के जिंतूर की है।
दादी को पीठ पर लादे युवक पगडंडियों की राह चल रहा है। पगडंडी ऐसी है कि मेघ बरसने से पानी-पानी हो गई है और धरा की मिट्टी गिली होकर कदमों की परीक्षा ले रही है। जरा से कदम असावधान हुए कि युवक दादी को लेकर गिर जाएगा। ये वीडियो है परभणी के जिंतूर तहसील के पिंप्रला गांव का। जहां इलाज के लिए एक 85 वर्षीय वृद्धा परेशान थी। इस गांव से सड़क सुविधाएं अभी भी उतनी ही दूर हैं जितना परभणी से मुंबई में बैठी सरकार। स्वतंत्रता मिली, नेता आए और गए पर इस गांव को सड़क और सुविधाएं नहीं मिली। स्थिति ये है कि बारिश में अपनी बीमार दादी को उल्टी दस्त का इलाज दिलाने के लिए राजकुमार नामक 18 वर्षीय युवक को उसे पीठ पर लादकर तीन किलोमीटर चलना पड़ा। दादी कौसाबाई की परेशानी देखिये कि जिसे हाथों में पालकर बड़ा किया था आज उसी की पीठ पर लदकर अस्पताल जाना पड़ रहा है।
ये वीडियो नहीं एक जीवंत कथा है सरकार, विकास और जनसामान्य की। उम्मीद है अब तो सुन लेगी सरकार, दादी को मिल जाएगी सड़क, हो सकेगा घर पर ही उनका इलाज।