आघाड़ी में बिगाड़ी? विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद पर ‘इस’ पार्टी ने ठोका दावा

पिछले हफ्ते ठाकरे गुट की नेता और विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोर्हे शिंदे गुट में शामिल हो गईं, जिससे उसकी विधान परिषद में सदस्यों की संख्या एक बार फिर कम हो गई।

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महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी में सब कुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में दो गुट होने के बाद जहां मविआ के भविष्य पर सवाल उठाए जा रहे हैं, वहीं विधान परिषद अध्यक्ष पद को लेकर भी ठाकरे गुट और कांग्रेस में जंग छिड़ती नजर आ रही है। इस पद पर कांग्रेस के दावा करने की बात कही जा रही है।

ठाकरे गुट को लगेगा झटका
दरअस्ल भारतीय जनता पार्टी के बाद शिवसेना (ठाकरे गुट) सबसे बड़ी पार्टी थी। इसलिए, शिवसेना के अंबादास दानवे विधान परिषद में विपक्ष के नेता हैं। हालांकि, ठाकरे गुट की प्रवक्ता मनीषा कायंदे पिछले महीने शिंदे गुट में शामिल हो गईं। वर्तमान में ठाकरे गुट के सदस्यों की संख्या एनसीपी के बराबर रह रह गई है। परिणामस्वरूप, विपक्ष के नेता के रूप में ठाकरे के विधान परिषद सदस्य अंबादास दानवे का पद खतरे में पड़ गया। एनसीपी पार्टी में तब फूट पड़ गई, जब चर्चा चल रही थी कि यह पद अब एनसीपी को मिलेगा, लेकिन विधान परिषद में एनसीपी के दो विधायक अजीत पवार के गुट में शामिल हो गए। इसलिए शरद पवार गुट के सदस्यों की संख्या घटने से अंबादास दानवे की स्थिति बनी रही।

नीलम गोर्हे के शिंदे गुट में शामिल होने से बिगड़ा गणित
पिछले हफ्ते, ठाकरे गुट की नेता और विधान परिषद की उपाध्यक्ष नीलम गोर्हे शिंदे गुट में शामिल हो गईं, जिससे उसकी विधान परिषद में सदस्यों की संख्या एक बार फिर कम हो गई। फिलहाल विधान परिषद में ठाकरे समूह के कुल आठ सदस्य हैं, जबकि कांग्रेस के पास नौ सदस्य हैं। इस स्थिति में कांग्रेस ने विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष पद पर दावा ठोक दिया है। दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विभाजन के कारण विधानसभा में विपक्ष के नेता का पद भी कांग्रेस के पास जाने की संभावना है।

कांग्रेस के दो नेताओं ने किया पद पर दावा
विधान परिषद में विपक्ष के नेता पद के लिए कांग्रेस विधायक अभिजीत वंजारी इच्छुक हैं। कांग्रेस के वंजारी ने पत्र लिखकर कांग्रेस आलाकमान से विधान परिषद में विपक्ष के नेता का पद दिलाने का अनुरोध किया है। अभिजीत वंजारी ने कुछ देर पहले कहा कि इस समय महाराष्ट्र में मौजूदा राजनीतिक हालात अच्छे नहीं हैं। इस बीच विधान परिषद में एनसीपी के कुछ विधायक अजीत पवार के गुट में शामिल हो गए हैं। कांग्रेस अब विधान परिषद में सबसे बड़ी पार्टी है। इसलिए कांग्रेस ने इस पद पर दावा किया है।

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अभिजीत वंजारी ने कहा, “हमारे पास कुल नौ विधायक हैं। मैं यह पोस्ट पाना चाहता हूं, वहीं, हमारे विधायक राजेश राठौड़ ने भी यही इच्छा जताई है। हमने पार्टी नेताओं से यह इच्छा जाहिर की है। अगर पार्टी विदर्भ में कांग्रेस को मजबूत करना चाहती है तो वह मेरा उपयोग कर सकती है, इसलिए मैंने इस पद पर दावा किया है।”

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