पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में अभी तक 47 लोगों के मारे जाने के दावे किए जा रहे हैं। इस बीच एक पीठासीन अधिकारी की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई है।
नदिया जिले के करीमपुर एक नंबर ब्लॉक के पीठासीन अधिकारी थे, रेवती मोहन विश्वास। 12 जुलाई की रात उनकी मौत हुई है। संग्रामी संयुक्त मंच ने 13 जुलाई को आरोप लगाया कि विश्वास को पर्याप्त सुरक्षा नहीं दी गई थी। इसकी वजह से उन्हें सेरिब्रल अटैक हुआ था और अस्पताल में भर्ती थे।
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संग्रामी संयुक्त मंच ने लगाया ये आरोप
संग्रामी संयुक्त मंच की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि स्थानीय बीडीओ की यह जिम्मेदारी होती है कि हर पीठासीन अधिकारी को पर्याप्त सुरक्षा में मतदान केंद्र के अंदर पहुंचाया जाता है। लेकिन रेवती मोहन विश्वास को बिना किसी सुरक्षा मतदान केंद्र पर जाने का फरमान सुनाया गया था। ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की बात कही गई थी, जिसके बाद वह काफी दबाव में थे और सेरिब्रल अटैक के शिकार हो गए थे। मंच ने कहा है कि उनकी मौत की जिम्मेदारी चुनाव आयोग और राज्य सरकार को लेनी होगी। इसके खिलाफ हाई कोर्ट में भी आवेदन करने की तैयारी की जा रही है।